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आलू की फसल को ब्लैक कट वर्म से बचाने के तरीके
आलू की फसल को ब्लैक कट वर्म से बचाने के तरीके
ब्लैक कट वर्म आलू की फसल में लगने वाले कुछ प्रमुख कीटों में से एक है। इस कीट को ग्रीसी कटवर्म के नाम से भी जाना जाता है। यह कीट पौधों की पत्तियों पर अंडे देते हैं। इस कीट का लार्वा, प्यूपा एवं व्यस्क सभी पौधों के अलग-अलग हिस्सों को नष्ट करते हैं। आलू की बेहतर पैदावार के लिए इस कीट पर नियंत्रण करना बहुत जरूरी है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम आलू की फसल में लगने वाले ब्लैक कट वर्म की पहचान, इससे होने वाले नुकसान एवं नियंत्रण के तरीकों पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
ब्लैक कट वर्म की पहचान
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इस कीट के अंडे अंडाकार एवं क्रीमी-सफेद रंग के होते हैं।
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छोटा लार्वा हल्के पीले रंग का होता है।
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व्यस्क लार्वा एवं प्यूपा गहरे भूरे रंग के होते हैं।
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व्यस्क कीट का शरीर गहरे रंग का होता है, जिस पर मटमैले रंग के धब्बे बने होते हैं।
ब्लैक कट वर्म से होने वाले नुकसान
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इस कीट का छोटा लार्वा पत्तियों को खा कर फसल को क्षति पहुंचते हैं।
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बड़ा लार्वा रात के समय पौधों के तनों को काटते हैं।
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प्यूपा एवं व्यस्क कीट आलू के कंदों को खा कर फसल को नष्ट करते हैं।
ब्लैक कट वर्म पर नियंत्रण के तरीके
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इस कीट पर नियंत्रण के लिए 15 लीटर पानी में 5 मिलीलीटर देहात कटर मिला कर छिड़काव करें।
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इसके अलावा 15 लीटर पानी में 5 मिलीलीटर बायर फेम नामक दवा मिला कर छिड़काव करें।
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आप प्रति लीटर पानी में 200 से 250 मिलीलीटर इंडोफिल रीमोन नामक दवा का भी प्रयोग कर सकते हैं।
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