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आलू की फसल को रस चूसक कीट से बचाने के उपाय
आलू की फसल में रस चूसक कीटों के कारण फसल का भारी नुकसान हो जाता है। रस चूसक कीटों के कारण फसल की गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल असर होता है। समय रहते इन कीटों पर नियंत्रण करना आवश्यक है। आलू की फसल को विभिन्न रस चूसक कीटों से बचाने के उपाय यहां से देखें।
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माहू : इस कीट को चोपा के नाम से भी जाना जाता है। इसकी लंबाई 1 से 1.5 मिलीमीटर होती है। यह कीट पत्तियों की निचली सतह और फूलों की टहनियों पर समूह में पाए जाते हैं। यह पौधों के विभिन्न भागों का रस चूस कर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे बचने के लिए प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड मिलाकर छिड़काव करें। इसके अलावा 150 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात हॉक मिलाकर छिड़काव करें।
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सफेद मक्खी : यह आकार में छोटे एवं सफेद रंग के होते हैं। यह पत्तियों का रस चूसते हैं। जिससे पौधों के विकास में बाधा आती है। इसके अलावा यह एक चिपचिपा पदार्थ भी छोड़ते हैं। जिसके कारण फसल में कई तरह के वायरस रोग हो सकते हैं। इस पर नियंत्रण के लिए खेत में 4-5 पीली स्टिकी ट्रैप लगाएं। इसके अलावा प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड मिलाकर छिड़काव करें। आवश्यकता होने पर 10 दिनों के अंतराल पर दोबारा छिड़काव करें।
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हमें उम्मीद है यह पोस्ट आलू की फसल में रस चूसक कीट पर नियंत्रण के लिए कारगर साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। आलू की खेती से जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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