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आलू की फसल में सिंचाई का सही समय
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पौधों के बेहतर विकास के लिए सही समय पर सिंचाई करना आवश्यक है। सिंचाई में देर होने पर आलू की पैदावार में कमी आती है। पौधों के बेहतर विकास एवं कंदों की बढ़वार के लिए सिंचाई प्रबंधन की जानकारी होना आवश्यक है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम आलू की फसल में सिंचाई प्रबंधन की विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
आलू की फसल में सिंचाई का सही समय
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आलू की बेहतर पैदावार के लिए फसल में 7 से 10 सिंचाई की आवश्यकता होती है।
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यदि बुवाई से पहले पलेवा नहीं किया गया है तो आलू की बुवाई के 2 से 3 दिनों के अंदर हल्की सिंचाई करें।
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बलुई एवं दोमट मिट्टी में बुवाई के 8 से 10 दिनों बाद पहली सिंचाई की जाती है।
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वहीं भारी मिट्टी में आलू की खेती करने पर बुवाई के 10 से 12 दिनों बाद पहली सिंचाई करें।
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आलू की फसल में पहली सिंचाई के 10 से 15 दिनों के अंतराल पर दूसरी सिंचाई करें।
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तापमान कम होने एवं पाला पड़ने की संभावना होने पर फसल में सिंचाई अवश्य करें।
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स्प्रिंकलर विधि से सिंचाई करने पर करीब 40 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है।
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ड्रिप विधि से सिंचाई करने पर सिंचाई के समय 50 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है।
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