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आलू
विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
3 year
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आलू : कंद गलन की समस्या से निजात पाने के लिए करें यह काम

आलू : कंद गलन की समस्या से निजात पाने के लिए करें यह काम

आलू के पौधों में कई रोग होते हैं जिनसे कंद गलन की समस्या होती है। कंद गलन की समस्या के कारण फसलों का भारी नुकसान होता है। ऐसे में समय रहते इस समस्या से निजात पाना बेहद जरूरी है। इस पोस्ट के माध्यम से आप आलू में कंद गलन की समस्या पैदा करने वाले कुछ रोगों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

  • जीवाणुज मृदु विगलन (बैक्टीरियल सॉफ्ट रॉट) : इस रोग के होने पर पौधे पीले पड़ जाते हैं। रोग से प्रभावित कंदों पर लाल या काले रंग के घेरे उभरने लगते हैं। रोग बढ़ने पर कंद सड़ने लगते लगते हैं। रोग बढ़ने पर पौधे गिर कर सूख जाते हैं। इस रोग पर नियंत्रण के लिए 15 लीटर पानी में 25 ग्राम देहात फुल स्टॉप मिला कर छिड़काव करें।

  • खुदाई के बाद कंद का सड़ना : इस रोग के शुरुआत में आलू के कंदों पर पीले या भूरे रंग के नजर आते हैं। रोग बढ़ने पर कंद सड़ने लगते हैं। कंदों पर रूई की सफेद फफूंद उभरने लगते हैं। इस रोग से बचने के लिए प्रति लीटर पानी में 3 ग्राम मैंकोजेब 50 प्रतिशत और कार्बेन्डाजिम 25 प्रतिशत मिला कर छिड़काव करें। प्रति लीटर पानी में 2.5 ग्राम कॉपर ऑक्सीक्लोराइड मिला कर भी छिड़काव कर सकते हैं।

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हमें उम्मीद है इस पोस्ट में बताई गई दवाओं का प्रयोग कर के आप इन रोगों पर नियंत्रण कर के आलू के कंदों को सड़ने से बचा सकते हैं। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो पोस्ट को लाइक करें एवं इस पोस्ट को अन्य किसान मित्रों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी इस समस्या से निजात पा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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