आलू : कंद को बड़ा कैसे बनाएं?

सभी किसान यह चाहते हैं कि उनकी पैदावार बढ़े और उन्हें अधिक मुनाफा हो। इसके लिए वे कड़ी मेहनत भी करते हैं। लेकिन कई बार उन्हें अपनी मेहनत का सही फल नहीं मिल पाता है। आलू की खेती करने वाले किसान भी आलू के कंद को बड़ा करना करने के लिए कई तरीके अपनाते हैं। सही जानकारी नहीं होने से उन्हें काफी मुश्किलें होती हैं। अगर आप भी आलू की खेती करते हैं तो यहां से आप कंद के आकार में वृद्धि के तरीके जान सकते हैं।
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देहात स्टार्टर : प्रति एकड़ खेत में 8 किलोग्राम देहात स्टार्टर का प्रयोग करें। इसके प्रयोग से फसलों में पोषक तत्वों की पूर्ति होती है और फलों एवं फूलों की संख्या में बढ़ोतरी होती है। इससे आलू के कंद के आकार एवं पैदावार में भी वृद्धि होती है।
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पोटाश : पोटाश के प्रयोग से आलू के कंदों के आकार में वृद्धि होती है। इसके साथ ही आलू की गुणवत्ता भी बढ़ती है। खेत तैयार करते समय प्रति एकड़ खेत में 60 किलोग्राम पोटाश मिलाएं। यदि खेत तैयार करते समय पोटाश नहीं मिलाया गया है तो आप खड़ी फसल में भी इसका छिड़काव कर सकते हैं।
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बोरान : बोरान के प्रयोग से भी आलू के कंदों का आकार बढ़ता है। आलू की फसल में दो बार बोरान का प्रयोग करना चाहिए। कंदों की बुवाई के करीब 40 दिनों बाद पहला छिड़काव करें। बुवाई के 60 दिनों बाद दूसरी बार बोरान का प्रयोग करें।
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जिब्रेलिक एसिड : प्रति एकड़ खेत में 2 ग्राम जिब्रेलिक एसिड के प्रयोग से कंदों के आकार में वृद्धि होती है। यह छिड़काव बुवाई के 50 से 55 दिनों बाद करें।
ध्यान देने वाली बातें
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कई किसान आलू के कंदो का आकार बढ़ाने एवं पैदावार में बढ़ोतरी के लिए शराब का छिड़काव करते हैं। ऐसा करना स्वस्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इसलिए फसल में शराब का छिड़काव न करें।
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अधिक मात्रा में उर्वरक एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों के प्रयोग से भी आलू की फसल पर विपरीत प्रभाव होता है। ऐसे में किसानों को मुनाफे की जगह नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
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