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आम के फल में लगने वाले छेदक कीट से ऐसे करें बचाव
आम के फल में लगने वाले छेदक कीट से ऐसे करें बचाव
भारत में आम की खेती उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश एवं गुजरात में मुख्य रूप से की जाती है। फसल से पैदावार लेने के लिए देखभाल की जरूरत होती है। इसके फल में अनेक रोग एवं कीट लगते हैं, जिनका अगर समय पर नियंत्रण नहीं किया जाए तो पूरी फसल बर्बाद हो सकती है। इसलिए इस आर्टिकल के माध्यम से हम किसानों को आम की फसल में लगने वाले फल छेदक कीट/भेदक रोग की जानकारी देंगे। साथ ही इसके नियंत्रण के बारे में बताएंगे जिससे किसान समय से देखभाल कर अधिक पैदावार ले सकें।
फल छेदक कीट
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फल छेदक एक नाशीकीट है, जो आम के फल को नुकसान पहुंचाता है।
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यह कीट फल के मध्य भाग एवं बीज को प्रभावित करता है।
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कीट आम की गुठली में छेद करके अंदर घुस जाता है।
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कुछ समय बाद यह गूदे में पहुंच कर फल को नुकसान पहुंचाता है। जिसके कारण फल खाने लायक नहीं रहते हैं।
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कीट प्रभावित फल पर काले रंग के धब्बे दिखाई देते हैं। अधिक संक्रमण होने पर फल सड़ने लगता है।
नियंत्रण के उपाय
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इस कीट को पूरी तरह से खत्म करना कठिन है। लेकिन कुछ हद तक नियंत्रण कर सकते हैं।
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कीट प्रभावित नीचे गिरे फल, सूखी पत्तियों और शाखाओं को जलाकर नष्ट कर दें।
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फल बनना शुरू हो तब पौधे पर 1 मिलीलीटर लेम्डा साइलोथ्रिन को प्रति लीटर पानी के साथ या क्वीनालफ़ॉस 1.5 मिलीलीटर को प्रति लीटर पानी के घोल का छिड़काव करें।
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पहले छिड़काव के 15 दिन बाद एक और छिड़काव करें।
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प्रत्येक छिड़काव के दौरान कीटनाशी रसायन बदलते रहें, जिससे कीटों में रसायन के प्रति प्रतिरोधी क्षमता का विकास न हो।
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आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और आम के फल में लगने वाले छेदक कीट को नियंत्रण कर फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
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