प्याज की उन्नत खेती (Advanced Onion Farming)
भारत में प्याज एक महत्वपूर्ण फसल है, जिसका उपयोग सब्जी और मसाले दोनों रूपों में किया जाता है। इसमें प्रोटीन और विटामिन के साथ औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। प्याज का उपयोग सलाद, अचार, और सूप में किया जाता है। भारत के प्रमुख प्याज उत्पादक राज्य हैं महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, और बिहार। भारत में प्याज का सबसे अधिक उत्पादन मध्य प्रदेश में होता है।
कैसे करें प्याज की खेती? (How to Cultivate Onions?)
- जलवायु : प्याज की खेती के लिए उचित तापमान 13 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए। प्याज की खेती के लिए 5 से कम और 35 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान को सहन कर सकती है, इससे ज्यादा या कम तापमान फसल की उपज और गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है।
- मिट्टी : प्याज की खेती सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है। इसके लिए दोमट से चिकनी मिट्टी अच्छी होती है जिसमें अच्छी जल निकास व्यवस्था के साथ भरपूर मात्रा में कार्बनिक पदार्थ पाए जाते हैं। प्याज की खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 6 से 7.5 के बीच उपयुक्त होता है।
- बीज की मात्रा : 1 एकड़ खेत के लिए 1.5 से 2 किलोग्राम बीज की आवश्यक होती है। सीधी बुवाई के लिए 1 एकड़ क्षेत्र में 8-10 किलोग्राम बीजों की आवश्यकता होती है।
- बीज उपचार: बुवाई से पहले बीजों का उपचार करें इसके लिए 2 ग्राम बाविस्टिन को 1 लीटर पानी में मिलाकर घोल तैयार करें और फिर प्याज के 1 किलोग्राम बीजों को इस मिश्रण से उपचारित करें।
- बुवाई का समय : प्याज की बुवाई के लिए उपयुक्त समय स्थान और मौसम पर निर्भर करता है। अगर आप रबी मौसम में प्याज लगते हैं तो अक्टूबर से नवंबर के महीने में करें, खरीफ मौसम में मई से जून और ग्रीष्मकालीन फसल में जनवरी से फरवरी के महीने में करते हैं।
- किस्में : प्याज की किस्में अलग-अलग क्षेत्रों के हिसाब से भिन्न होती है। इनमें से कुछ किस्में मुख्य हैं: नासिक लाल प्याज (एन-53), रॉयल सेलेक्शन प्याज, जे.एस.सी नासिक लाल प्याज (एन-53), प्रेमा 178 प्याज, गुलमोहर प्याज, डीएस-स्कार्लेट और डीएस-कार्नेशन हैं।
- खेत की तैयारी : खेत की तैयारी करने के लिए सबसे पहले मिट्टी पलटने वाले हल से एक गहरी जुताई करें, फिर 2-3 जुताई देशी हल, कल्टीवेटर या हैरो से करें जिससे मिट्टी भुरभुरी हो जाए। अंतिम जुताई के समय गोबर की खाद को अच्छी तरह मिलाएं। खरीफ के मौसम में पौध की बुवाई के लिए उठी हुई क्यारियां तैयार करें, ताकि पानी भरने पर भी पौधे खराब न हो और फसल स्वस्थ रहे।
- नर्सरी और पौध की तैयारी : प्याज की बुवाई के लिए नर्सरी की सही तैयारी बहुत जरूरी है, ताकि पौधों की गुणवत्ता और वृद्धि में सुधार हो सके। सबसे पहले, जिस जगह पर नर्सरी बनानी है, वहां पहली जुताई करें और गोबर की सड़ी खाद या कम्पोस्ट का प्रयोग करें। इसके बाद, पौध शाला का आकार 3 मीटर X 0.75 मीटर निर्धारित करें और दो क्यारियों के बीच की दूरी 60 से 70 सेंटीमीटर रखें। बीजों को शैय्या में 2-3 सेंटीमीटर मोटी सतह में पंक्तियों में सावधानी से बोएं, खासकर खरीफ मौसम की फसल के लिए 5-7 सेंटीमीटर की लाइन से लाइन की दूरी सुनिश्चित करें। बुवाई के लगभग 35-40 दिन बाद, आपके पौधे ट्रांसप्लांट करने के लिए तैयार हो जाएंगे। इस प्रक्रिया से न केवल आपकी प्याज की फसल में वृद्धि होगी, बल्कि पौधे भी स्वस्थ और मजबूत होंगे।
- खाद एवं उर्वरक प्रबंधन: खेत की तैयारी के अंतिम जुताई के समय 10 टन फार्म यार्ड मैन्योर (FYM) प्रति एकड़ का उपयोग करें। बुवाई के समय, बेसल डोज के रूप में 95 किलोग्राम यूरिया, 35 किलोग्राम डाई अमोनियम फॉस्फेट (DAP), और 40 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश (MOP) डालें। प्याज में, 95 किलोग्राम यूरिया का आधा हिस्सा रोपाई के समय डालें और बाकी को विभाजित खुराक में दें। 20 से 25 दिन बाद, यूरिया का प्रयोग टॉप ड्रेसिंग में करें, ताकि पौधों को सही समय पर पोषण मिले और उनकी वृद्धि में सुधार हो सके।
- सिंचाई प्रबंधन : प्याज की खेती ज्यादातर सिंचित फसल के रूप में की जाती हैं। इसके लिए सिंचाई की अवस्था जलवायु और मिट्टी के अनुसार भिन्न होती है। प्याज में पहली सिंचाई रोपाई के समय करते हैं और दूसरी सिंचाई रोपाई करने के तीसरे दिन करते हैं। इसके बाद मिट्टी में नमी के अनुसार हर 10 से 15 दिनों में पानी देते रहना चाहिए। प्याज की फसल की कटाई के 10 दिन पहले से सिंचाई बंद कर देनी चाहिए। प्याज में ड्रिप या स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली का उपयोग करना अच्छा माना जाता है।
- खरपतवार प्रबंधन : प्याज में नियमित रूप से खरपतवारों को हटाने के लिए हाथ से निराई-गुड़ाई करें। खरपतवार के उगने से पहले या बाद में खरपतवार नाशक का प्रयोग करना चाहिए। प्याज को फलियों, मक्का, ब्रेसिका और सोलेनैसियस फसलों के साथ अंतर फसल के रूप में लगाना चाहिए।
- रोग और कीट प्रबंधन : प्याज की खेती में रोग और कीट प्रबंधन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। प्याज के कुछ प्रमुख रोगों में डैम्पिंग ऑफ या आर्द्र गलन रोग, बेसल रॉट, कोमल फफूंदी, तना झुलसा रोग, जीवाणु विल्ट, स्मट रोग, सफेद सड़न, प्याज का बैंगनी धब्बा रोग, एन्थ्रेक्नोज, नैक सड़न रोग शामिल हैं। इन रोगों से निपटने के लिए उचित फसल चक्र, रोग मुक्त बीज, और प्रभावी फफूंदनाशक का उपयोग आवश्यक है। वहीं प्याज में मुख्य रूप से थ्रिप्स, तेला, हेड बोरर, सफेद मक्खी, कटवर्म, और लाल मकड़ी जैसे कीट प्रमुख हैं, जो प्याज की फसल को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। कीट प्रबंधन के लिए जैविक और रासायनिक कीटनाशकों का संतुलित उपयोग, नीम के तेल का छिड़काव, और फसल की नियमित निगरानी करना प्रभावी उपाय हैं।
- कटाई : सूखे प्याज के लिए अगर प्याज की खेती की गयी है तो उसकी कटाई लगभग 5 महीने में कर सकते हैं। हरे प्याज के लिए, कटाई के बाद 3 महीने में कटाई की जा सकती है। रबी मौसम में प्याज की कटाई तब की जाती है जब उसका गर्दन/शीर्ष भाग 50% गिरने लगता है। वहीं खरीफ मौसम में फसल का शीर्ष भाग नहीं गिरता है बल्कि फसल की पत्तियों का रंग बल्बों तक हल्के पीले और लाल रंग में बदल जाता है। गर्मी के समय में जब मिट्टी कठोर होती है, इसलिए इन बल्बों को निकालने के लिए हाथ से कुदाल का उपयोग करना चाहिए।
- भंडारण: प्याज में कटाई फसल पूरी तरह से सूखने के बाद करते हैं और उसके बाद प्याज को ठंडी और सूखी जगह पर भंडारित करते हैं। प्याज के भंडारण के दौरान सड़न से बचाव करने के लिए उन्हें अच्छी तरह से हवादार जगह में ही भंडारित करना चाहिए। अगर प्याज को सही तरीके से उपचारित और संग्रहित किया जाए तो इसे कई महीनों तक संग्रहीत किया जा सकता है।
- उपज: प्याज में लगभग प्रति एकड़ की दर से 8 से 10 टन उत्पादन होता है।
क्या आप प्याज की खेती करना चाहते हैं? अपना जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट करके बताएं। इसी तरह की अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए 'कृषि ज्ञान' चैनल को अभी फॉलो करें। और अगर पोस्ट पसंद आयी तो इसे लाइक करके अपने किसान दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (Frequently Asked Questions - FAQs)
Q: प्याज लगाने का सही समय क्या है?
A: प्याज लगाने का सही समय रबी, खरीफ और ग्रीष्मकालीन मौसम के अनुसार अलग-अलग होता है। रबी के लिए अक्टूबर-नवंबर, खरीफ के लिए मई-जून, और ग्रीष्मकालीन के लिए जनवरी-फरवरी का समय सही है।
Q: प्याज में साइज बढ़ाने के लिए क्या देना चाहिए?
A: प्याज में साइज बढ़ाने के लिए सही मात्रा में उर्वरक, संतुलित सिंचाई और समय पर निराई-गुड़ाई करना आवश्यक है। इसके अलावा, मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए उचित उर्वरक प्रबंधन करना चाहिए।
Q: सबसे अच्छा प्याज के बीज कौन सा है?
A: नासिक लाल प्याज (एन-53), रॉयल सेलेक्शन प्याज, जेएससी नासिक लाल प्याज (एन-53), प्रेमा 178 प्याज और गुलमोहर प्याज प्रमुख किस्में हैं जो अच्छी उपज देती हैं।
Q: बरसात में प्याज कब लगाई जाती है?
A: प्याज की खेती बरसात के मौसम में यानि खरीफ सीजन में की जाती है, जो मई से जून महीने में करते हैं।
जारी रखने के लिए कृपया लॉगिन करें
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ