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अगस्त महीने में किए जाने वाले कृषि कार्य
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फसल चाहे कोई भी हो, उसे नियमित देखभाल की आवश्यकता तो होती ही है। सही समय पर कुछ महत्वपूर्ण कृषि कार्यों को करने से हम बेहतर पैदावार प्राप्त कर सकेंगे। अगर आप भी है एक किसान तो आपके लिए इस महीने जाने वाले कृषि कार्यों की जानकारी होना आवश्यक है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम इस महीने किए जाने वाले कृषि कार्यों की जानकारी प्राप्त करेंगे।
अगस्त महीने में किए जाने वाले कृषि कार्य
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धान : कई क्षेत्रों में धान के पौधों की रोपाई कर दी गई है। अगर आपने भी जुलाई महीने में धान के पौधों की रोपाई कर दी है तो पौधों की रोपाई के 25 दिनों बाद प्रति एकड़ खेत में 35 किलोग्राम यूरिया का प्रयोग करें। इसके साथ ही अच्छी पैदावार के लिए प्रति एकड़ भूमि में 4 किलोग्राम देहात स्टार्टर का प्रयोग करें। यदि पौधों की पत्तियां पीली नजर आ रही हैं तो पौधों में जिंक की कमी पूरी करने के लिए प्रति एकड़ खेत में 3 से 4 किलोग्राम देहात जैविक जिंक का प्रयोग करें।
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मक्का : अगस्त महीने में यानी मक्का की बुवाई के 20 से 30 दिनों बाद प्रति एकड़ खेत में 34 किलोग्राम यूरिया का छिड़काव करें। उर्वरकों के प्रयोग के समय खेत में पर्याप्त मात्रा में नमी होना आवश्यक है।
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मूली : मैदानी क्षेत्रों में अगस्त महीने में मूली की बुवाई करना किसान के लिए बहुत लाभदायक साबित होता है। हालांकि इस समय वर्षा अधिक होने के कारण पौधों के गलने की समस्या हो सकती है। छोटे पौधों को गलने से बचाने के लिए नर्सरी में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें। यह जड़ वाली फसल है इसलिए जड़ों के बेहतर विकास के लिए इसकी खेती बलुई दोमट मिट्टी में करें। बुवाई से पहले अच्छी तरह जुताई कर के नर्सरी की मिट्टी को भुरभुरी बना लें।
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गाजर : गाजर की देशी किस्मों की बुवाई के लिए अगस्त महीना उपयुक्त है। प्रति एकड़ भूमि में खेती करने के लिए 4 से 5 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। बुवाई से पहले बीज को 12 से 24 घंटों तक पानी में डाल कर रखें। इससे खेत में बीज के अंकुरण में आसानी होगी।
हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई है तो हमारे पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान मिरत इस जानकारी का लाभ उठा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें। पशुपालन एवं कृषि संबंधी अधिक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
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