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3 Feb
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अनार में अंबिया बहार: प्रक्रिया एवं लाभ | Ambia Bahar in Pomegranate: Benefits and Process

भारत में अनार की खेती महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु एवं उत्तर प्रदेश में प्रमुखता से की जाती है। इसकी बेहतर पैदावार प्राप्त करने के लिए किसान उर्वरक प्रबंधन, सिंचाई, खरपतवार नियंत्रण, जैसे कार्यों से पौधों की उचित देखभाल करते हैं। इसके बाद भी कई बार फलों की उपज, आकार एवं मिठास कम होने लगती है। इस समस्या से बचने के लिए अनार में बहार नियंत्रण करना एक बेहतरीन विकल्प है। बहार एक ऐसी विधि है जिसका प्रयोग पौधों की वृद्धि को नियंत्रित करने और फूलों को विशेष मौसम में खिलाने के लिए किया जाता है।

अनार में बहार के विभिन्न प्रकार | Different types of Bahar in Pomegranate

अनार के पौधों में वर्ष में 3 बार फल आने के कारण 3 तरह के बहार होते हैं। जिसमें पहला है जून-जुलाई महीने में किया जाने वाला मृग बहार, दूसरा है सितम्बर-अक्टूबर महीने में किया जाने वाला हस्त बहार और तीसरा है फरवरी-मार्च महीने में किया जाने वाला अम्बे बहार (अंबिया बहार)।

अनार में अंबिया बहार की आवश्यकता | Ambia Bahar Necessity in Pomegranate

प्रति वर्ष अनार के पौधों में 3 बार फूल खिलते  हैं। अगर हर बार फूल आने पर फल प्राप्त किए जाए तो फलों की उपज और गुणवत्ता कम होने लगती है। अनार के फलों का आकार एवं मिठास कम होने के कारण किसानों को फलों की बिक्री पर उचित मूल्य नहीं मिल पाता है। ऐसे में बहार प्रबंधन के द्वारा किसी एक या दो मौसम में फलों को आने से रोका जाता है। जिससे अगली बार उच्च गुणवत्ता युक्त फल प्राप्त होते हैं।

बहार नियंत्रण करने के विभिन्न प्रकार | Various Methods of Controlling Ambia Bahar

  • जड़ों के पास की मिट्टी को निकाल कर: इस विधि में पौधों में सिंचाई नहीं की जाती है और तने के आस-पास की मिट्टी की ऊपरी सतह को निकाला जाता है। इससे जड़ों को धूप मिलती है। मिट्टी में नमी कम होने से पौधों की पत्तियां गिरने लगती हैं। करीब 20-25 दिनों बाद मिट्टी को वापस भर दिया जाता है।
  • सिंचाई बंद कर के बहार लेना: इस प्रक्रिया में पौधों में सिंचाई का कार्य बंद कर दिया जाता है। जिससे पौधों की पत्तियां गिरने लगती हैं। इस दौरान पौधे अपनी शाखाओं में पोषक तत्वों को भंडारित कर लेते हैं। सिंचाई बंद करने के बाद निराई-गुड़ाई करें इसके बाद खाद का प्रयोग करके सिंचाई करें। 25-30 दिनों बाद फूल आने लगते हैं।
  • शाखाओं को झुका कर: पेड़ की सीधी शाखाओं में फल कम आते हैं। इसलिए इस प्रक्रिया में शाखाओं को नीचे की तरफ झुका कर बांध दिया जाता है। इसके बाद शाखाओं की ऊपर की पत्तियों को छोड़ कर छोटी टहनियों एवं पत्तियों की कटाई की जाती है। इस प्रक्रिया के 10-15 दिनों बाद नई टहनियां एवं पत्तियां निकलती हैं। जिसमें फूल-फल अधिक लगते हैं।

अनार में अंबिया बहार के फायदे | Benefits of Ambia Bahar in Pomegranate

अनार की पौधों में अंबिया बहार का उपयोग करने के कई फायदे हैं। जिनमें से कुछ फायदे इस प्रकार हैं:

  • फलों की उपज बढ़ाता है: हस्त बहार नई टहनियों और शाखाओं के विकास को बढ़ावा दे कर अनार के पेड़ों की फल उपज बढ़ाने में मदद करता है।
  • फलों की गुणवत्ता में सुधार करता है: पुरानी और रोगग्रस्त शाखाओं को हटाकर, हस्त बहार पेड़ द्वारा उत्पादित फल की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है।
  • फलों के आकार को बढ़ाता है: हस्त बहार की प्रक्रिया फलों के आकार को बढ़ाने में सहायक है।
  • फलों की परिपक्वता: अंबिया बहार शुरुआती फूल और फलों को बढ़ाने में मदद करता है। जब फल नींबू के आकार का या लगभग 100 ग्राम का हो, तब धूप से झुलसने से बचाने के लिए पूरे पंक्ति पर फल की थैली या सुरक्षा कवर लगाएं। इस तरह फल सुरक्षित रहते हैं और जल्दी परिपक्व होते हैं। ऐसे में समय से पहले फलों की तुड़ाई से किसानों को बाजार में अधिक कीमत प्राप्त होती है।
  • फलों का गिरना: इस प्रक्रिया से अनार के पौधों में फलों के असमय गिरने की समस्या में कमी आती है।
  • लागत प्रभावी: अंबिया बहार एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके लिए किसी उपकरण या बहुत अधिक मजदूरों की आवश्यकता नहीं होती है। जिससे इस प्रक्रिया के अपनाने में किसानों को अधिक खर्च करने की जरूरत नहीं होती। इस तरह से यह प्रक्रिया लागत प्रभावी भी है।
  • सुरक्षित प्रक्रिया: पौधों के उचित विकास के लिए अंबिया बहार एक सुरक्षित प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में किसी तरह के रसायनों का इस्तेमाल नहीं होने के कारण यह पर्यावरण के अनुकूल भी है।

अंबिया बहार प्रक्रिया के समय रखें इन बातों का ध्यान | Factors to consider during Ambia Bahar process

  • अंबिया बहार प्रक्रिया से भरपूर पैदावार लेने के लिए मृग बहार और हस्त बहार के समय पौधों में लगे फूलों को पौधे से गिरा दें।
  • बेहतर उपज प्राप्त करने के लिए पौधों में फूल आने से करीब 45 से 60 दिनों पहले सिंचाई का कार्य बंद करें। जिससे पौधा अपनी पत्तियां गिराना प्रारम्भ कर देते हैं।
  • पौधों में 80 से 85 प्रतिशत पत्तियां गिरने के बाद पौधों की शाखाओं की कटाई-छटाई करें।
  • इसके बाद पौधों के आस-पास हल्की गुड़ाई करके उचित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करें और सिंचाई करें।

क्या आपने कभी अनार के पौधों में बहार प्रक्रिया को अपनाया है? अपने जवान एवं अनुभव हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ शेयर भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी इस जानकारी का लाभ उठा सकें। इसके साथ ही कृषि संबंधी जानकारियों के लिए देहात के टोल फ्री नंबर 1800-1036-110 पर संपर्क करके विशेषज्ञों से परामर्श भी कर सकते हैं। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक एवं कमेंट करना न भूलें। इस तरह की अधिक जानकारियों के लिए 'बागवानी फसलें' चैनल को तुरंत फॉलो करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)

Q: अम्बे बहार क्या है?

A: फरवरी-मार्च महीने में पौधों में फूल प्राप्त करने के लिए फसलों में सिंचाई बंद करना एवं पौधों की कटाई-छंटाई को अम्बे बहार या अंबिया बहार कहा जाता है।

Q: मृग बहार के फल कब परिपक्व होते हैं?

A: मृग बहार के फलों करीब 240 दिनों में पक कर तैयार होते हैं। वहीं अंबिया बहार के फलों को पक कर तैयार होने में करब 270 दिनों का समय लगता है।

Q: अनार में फूल कब आता है?

A: अनार के पौधों में कई बार फूल खिलते हैं। फूलों का खिलना पौधों की किस्मों के साथ खेती किए जाने वाले क्षेत्र पर भी निर्भर करता है। भारत में, अनार के पौधों में आमतौर पर फरवरी से मई तक फूलते हैं।

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