अनार में तना छेदक का प्रबंधन

इस मौसम में अनार के पौधों में तना छेदक कीट का प्रकोप बढ़ने की खबरें आ रही हैं। इस कीट को स्टेम बोरर के नाम से भी जाना जाता है। मादा कीट एक बार में 20 से 40 अंडे देती है। व्यस्क कीट की पहचान की बात करें तो ये मटमैले पीले से भूरे रंग के होते हैं। इनकी लम्बाई 30-35 मिलीमीटर तक होती है।
तना छेदक कीट से होने वाले नुकसान
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इस कीट की इल्लियां शाखाओं में छेद बनाकर उसे अंदर से खाकर खोखला करती हैं।
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शाखाओं एवं टहनियों को हाथ से दबाने से ये बहुत आसानी से टूट सकते हैं।
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प्रभावित शाखाएं पीली हो कर सूखने लगती हैं।
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कीट का प्रकोप बढ़ने पर फलों की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है।
तना छेदक कीट पर कैसे करें नियंत्रण?
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इस कीट को फैलने से रोकने के लिए प्रभावित शाखाओं को काट कर इल्लियों के साथ नष्ट करें।
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पूर्ण रूप से प्रभावित पौधौं कों जड़ से उखाड़कर नष्ट करें।
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कीट के प्रकोप की अवस्था में मुख्य तने के आस पास प्रति लीटर पानी में 2.5 मिलीलीटर क्लोरोपायरीफॉस मिला कर छिड़काव करें।
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प्रकोप बढ़ने पर तने के छेद में फिप्रोनिल 5% (फैक्स- धानुका एग्रीटेक) की 2 मिलीलीटर मात्रा छेद में डालकर छेद को गीली मिट्टी से बंद कर दें।
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छेद में किरासन तेल डाल कर गोबर या मिट्टी से बंद किया जा सकता है।
कहीं आपके बगीचे में लगे अनार के पौधों में तना छेदक कीट का प्रकोप तो नहीं हो रहा? अपने जवाब हमें कमेंट के द्वारा बताएं। कृषि संबंधी जानकारियों के लिए देहात के टोल फ्री नंबर 1800-1036-110 पर सम्पर्क करके विशेषज्ञों से परामर्श भी कर सकते हैं। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक एवं कमेंट करना न भूलें।
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