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कृषि विशेषयज्ञ
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बैंगन की फसल में मिलीबग कीट पर नियंत्रण के सटीक उपाय

बैंगन की फसल में मिलीबग कीट पर नियंत्रण के सटीक उपाय

मिलीबग कीट से बैंगन की फसल को भारी क्षति पहुंचती है। बैंगन के अलावा यह कीट मसूर, भिंडी, मटर, चना, ज्वार, टमाटर, मूंगफली, अरहर, आलू, सोयाबीन, गन्ना, आम, पपीता, अंगूर, आदि फसलों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। बैंगन के पौधों को इस कीट से बचाने के लिए इस कीट की पहचान, इससे होने वाले नुकसान एवं इस पर नियंत्रण के तरीकों की जानकारी होना आवश्यक है। आइए बैंगन की फसल को मिलीबग कीट से बचाने के तरीकों पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

मिलीबग कीट की पहचान

  • यह कीट छोटे एवं अंडाकार होते हैं।

  • कीट का शरीर सफेद रंग के चूर्ण की तरह पदार्थ से ढका रहता है।

  • सफेद मोम की परत जैसे पदार्थ से ढके होने के कारण यह रुई की तरह नजर आते हैं।

मिलीबग कीट से होने वाले नुकसान

  • इस कीट का प्रकोप होने पर बैंगन के तने एवं पत्तियों पर सफेद रूई जैसे पदार्थ दिखने लगते हैं।

  • यह कीट पत्तियों का रस चूस कर उन्हें कमजोर बना देते हैं।

  • जिससे पत्ते पीले, हल्के भूरे या गहरे भूरे रंग के नजर आते हैं।

  • पौधों के विकास में बाधा आती है।

मिलीबग कीट पर नियंत्रण के तरीके

  • बुवाई से पहले बीज उपचारित करना आवश्यक है।

  • खेत में खरपतवारों पर नियंत्रण रखें।

  • कीट से संक्रमित भाग को पौधों से अलग कर के नष्ट कर दें।

  • पौधों को इस कीट से बचाने के लिए 15 लीटर पानी में 25 से 30 मिलीलीटर क्लोरपीरिफॉस मिलाकर छिड़काव करें।

  • इसके अलावा 15 लीटर पानी में 20 मिलीलीटर इमिडाक्लोरपिड मिला कर छिड़काव करें।

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