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बैंगन में कैसे दिखते हैं जड़ सड़न से प्रभावित पौधे

जड़ सड़न बैंगन के मुख्य रोगों में से एक है। जड़ सड़न एक सूक्ष्म जीव आधारित रोग है, जिसके लिए आमतौर पर नमी वाले क्षेत्र जैसी स्थितियों को जिम्मेदार ठहराया जाता है। बैंगन में जड़ सड़न के लक्षण जड़ों और तनों पर गहरे भूरे गीले धब्बों के रूप में दिखाई देते हैं, जहां अंत में पौधा मुरझाकर सूख जाता है। जड़ों और तनों के साथ पत्तियों एवं फलों पर भी समान रूप से अनियमित भूरे धब्बे विकसित होते हैं और समय के साथ पानी से लथपथ दिखाई देते हैं। संक्रमित क्षेत्र को ढकते हुए ये धब्बे बड़े होते हैं और बाद में सूख जाते हैं। संक्रमित फलों पर सफेद रंग का कवक का विकास विकसित हो सकता है। सड़े हुए फलों की सतह पर बीजाणु का निर्माण देखा जा सकता है।

बैंगन में जड़ सड़न का नियंत्रण

  • रोपाई के लिए मेड विधि की क्यारियों का प्रयोग करें।

  • सिंचाई के लिए ड्रिप सिंचाई विधि का प्रयोग करें।

  • खेत के जल निकासी बनाए रखें।

  • पौधों के बीच उचित दूरी बनाए रखें।

बैंगन में जड़ सड़न का रासायनिक नियंत्रण

  • ट्राइकोडर्मा की 6-10 ग्राम मात्रा का प्रयोग प्रति किलोग्राम बीज उपचार के लिए करें। घोल में बीजों को 10 से 15 मिनट भिगोने के बाद लगभग आधा घंटा छाया में सुखाकर बोया जा सकता है।

  • आप बीज उपचार के लिए  2-3 ग्राम थाइराम या कैप्टान का प्रयोग भी प्रति किलोग्राम बीज दर से कर सकते हैं।

  • इस रोग से नियंत्रण के लिए आप प्रति लीटर पानी में 2 ग्राम मैंकोज़ेब मिलाकर भी छिड़काव कर सकते हैं।

यह भी देखें:

  • वीडियो में देखें मिर्च एवं बैगन की फसलों उकठा रोग से बचाने के उपाय। वीडियो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें।

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