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बैंगन का फल छेदक कीट
बैंगन की फसल में फल छेदक कीट का प्रकोप सर्वाधिक देखा जाता है। इसके प्रकोप से फल सड़ने की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। ऐसे फलों का उपयोग नहीं किया जा सकता है और फसल की पैदावार पर इसका विपरीत असर होता है। इस कीट के प्रकोप से बचने के लिए इसके लक्षण और बचाव के उपाय की जानकारी होना आवश्यक है।
कीट का लक्षण
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इस तरह के कीट पहले तने और कोपलों में छेद करते हैं।
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धीरे-धीरे यह कीट फलों में छेद करते हैं और फलों को अंदर से खाते हैं।
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प्रकोप अधिक बढ़ने पर पौधों एवं फलों का विकास रुक जाता है।
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साथ ही फल छोटे और टेढ़े-मेढ़े हो जाते हैं।
बचाव के उपाय
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ग्रसित फलों को प्रति सप्ताह तोड़ कर खेत से बाहर निकाल कर नष्ट कर दें।
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हो सके तो कीटों को इकट्ठा कर के नष्ट कर दें।
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नर्सरी लगाने के 1 महीने बाद आप प्रति एकड़ जमीन में 300 मिलीलीटर ट्राइजोफास 40 ई. सी को 200 से 250 लीटर पानी में मिला कर छिड़काव कर सकते हैं।
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इसके अलावा प्रति एकड़ जमीन में 200 से 250 लीटर पानी में 600 मिलीलीटर क्वीनालफास 25 ई.सी मिला कर छिड़काव करें।
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फूल निकलने के समय कोराजेन 18.5 प्रतिशत एस.सी (Chlorantraniliprole) 7-8 मिलीलीटर प्रति टंकी में मिला कर छिड़काव करें।
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यदि पौधों में फल लग गए हैं तो फलों की तुड़ाई के बाद ही कीटनाशक का छिड़काव करना चाहिए।
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कीटनाशक के प्रयोग के बाद कुछ दिनों तक फलों की तुड़ाई न करें।
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