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बैंगन का फल सड़न रोग : बचाव एवं निवारण
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भारत में बैंगन की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। लेकिन कई बार कुछ रोगों के चपेट में आने के कारण इसकी खेती करने वाले किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ता है। इन रोगों में फल सड़न रोग भी शामिल है। बैंगन में लगने वाले फल सड़न रोग के लक्षण एवं बचाव के उपाय यहां से देखें।
रोग का लक्षण
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इस रोग के लक्षण पत्तियों और बैंगन के फलों पर दिखाई देते हैं।
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रोग से प्रभावित पौधों की पत्तियों पर भूरे रंग के गोलाकार धब्बे उभरने लगते हैं।
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बैंगन के फलों पर भूरे, मुलायम, गीले एवं सिकुड़े हुए धब्बे नजर आने लगते हैं।
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धीरे-धीरे फलों के सड़े हुए भाग पर सफेद रंग के कवक से दिखने लगते हैं।
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रोग बढ़ने के साथ धब्बों के आकार में भी वृद्धि होती है।
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पौधों में लगे फूल काले हो कर सूखने लगते हैं।
बचाव के उपाय
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रोग से प्रभावित पत्तियों, फलों एवं फूलों को तोड़ कर नष्ट कर दें।
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इस रोग से पौधों को बचाने के लिए 15 लीटर पानी में 25 से 30 ग्राम देहात फुलस्टॉप दवा मिला कर छिड़काव करें।
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इसके अलावा आप प्रति लीटर पानी में 2 ग्राम मैंकोज़ेब या जिनेब मिला कर भी छिड़काव कर सकते हैं।
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आवश्यकता होने पर 15 दिनों के अंतराल पर 2 से 3 छिड़काव की प्रक्रिया को दोहराएं।
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बैंगन के पौधों को पत्ती लपेटक कीट से बचाने के उपाय जानने के लिए यहां क्लिक करें।
हमें उम्मीद है इस पोस्ट में दी गई दवाओं के प्रयोग से आप बैंगन के पौधों को फल सड़न रोग से बचा सकते हैं। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। इससे जुड़े सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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