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बदलते मौसम में फसल की कैसे करें देखभाल? जानें कृषि वैज्ञानिकों की सलाह
बदलते मौसम में फसल की कैसे करें देखभाल? जानें कृषि वैज्ञानिकों की सलाह
इन दिनों देश के ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम में लगातार बदलाव हो रहे हैं। कहीं वर्षा हो रही है तो कहीं किसान कोहरे से परेशान हैं। इस समय फसलों में विभिन्न रोगों एवं कीटों के प्रकोप का खतरा अधिक होता है। ऐसे बदलते मौसम में फसलों को बचाना बहुत कठिन होता जा रहा है। ऐसे में किसानों की सुविधा के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के द्वारा कुछ महत्वपूर्ण सलाह जारी किए गए हैं। आइए जानें बदलते मौसम में बेहतर फसल के लिए क्या है कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा जारी किए गए सुझाव।
कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा दिए किए गए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव
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यदि संभव हो तो रोग एवं कीटों पर नियंत्रण के लिए हानिकारक रसायन युक्त दवाओं के प्रयोग से बचें।
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बदलते मौसम में सरसों की फसल में चौपा कीट के प्रकोप का खतरा बढ़ जाता है। सरसों की फसल में चौपा कीट के लक्षण नजर आने पर पौधों के प्रभावित हिस्सों को अलग कर दें।
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बदलते मौसम में गोभी की फसल में हीरा पीठ इल्ली कीट के प्रकोप की संभावना अधिक होती है। इस कीट पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ भूमि में 3 से 4 फेरोमोन ट्रैप लगाएं।
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इस समय वर्षा या अत्यधिक कोहरा होने के कारण गेंदे के फूलों में सड़न की समस्या शुरू हो जाती है। अगर आप भी गेंदे के पभुलों के सड़ने से परेशान हैं तो इस पर नियंत्रण के लिए प्रति लीटर पानी में 1 ग्राम बाविस्टिन मिला कर छिड़काव करें। इसके अलावा आप प्रति लीटर पानी में 2 मिलीलीटर इंडोफिल एम 45 मिला कर छिड़काव करें।
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इस समय चने की फसल में भी फली छेदक कीट का प्रकोप बढ़ने लगता है। इस कीट पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ भूमि में 3 से 4 फेरोमोन ट्रैप लगाएं। इसके अलावा कीट खाने वाले पक्षियों को बैठने के लिए अंग्रेजी के 'T' अक्षर के आकार वाली लकड़ी लगाएं।
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अगर आप कद्दूवर्गीय सब्जियों की अगेती खेती करना चाहते हैं तो पौध तैयार करने के लिए बीज को पालीथीन के थैलियों में भर कर पॉलीहाउस में रखें।
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फसल की पत्तियों के बेहतर विकास के लिए प्रति एकड़ भूमि में 20 किलोग्राम यूरिया का छिड़काव करें।
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