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बहार उपचार: फलों के पेड़ों का कृत्रिमीकरण कर कैसे लें अधिक फायदा

दक्षिण और मध्य भारत में तापमान परिस्थितियों के कारण संतरे के पेड़ों पर प्राकृतिक रूप से साल में तीन बार जून, अक्टूबर और जनवरी-फरवरी में फूल खिलते हैं। जिसके लिए आमतौर पर दो मौसमों में सिंचाई का पानी रोककर पत्तियों को झड़ने पर मजबूर किया जाता है। ताकि एक निश्चित मौसम में अधिक फूल एवं फल प्राप्त किए जा सके। जनवरी-फरवरी के फूलों को अंबिया बहार कहा जाता है, वहीं जून से जुलाई में खिलने वाले फूलों को मृग बहार और अक्टूबर में लगने वाले फूलों को हस्त बहार नाम दिया गया है।

इस प्रक्रिया में फूल आने से एक या दो महीने पहले तब तक पानी रोककर रखा जाता है जब तक कि पौधे सूख न जाएं और उनकी कुछ पत्तियां गिर न जाएं। लगभग 30% पत्तियों का गिरना पेड़ों पर फूल न खिलने के लिए पर्याप्त है। जिसके बाद खाद डालने और सिंचाई प्रक्रिया आगे बढाई जाती है और परिणामस्वरूप अगले मौसम में प्रचुर मात्रा में फूल आते हैं। मृग बहार' के लिए तनाव की अवधि के लिए मई और जून जैसे गर्म महीनों को चुना जाता है। इन महीनों में आम तौर पर पानी की कमी होती है और मानसून की बारिश शुरू होते ही इस बहार के लिए तनाव की स्थितियां स्वतः ही समाप्त हो जाती हैं।

संतरे में मृग बहार निम्न पद्धति से लिया जाता है।

  • मृग बहार के लिए मई और जून में अंबिया बहार और मृग बहार दोनों को  ही खिलने से पहले 'तनाव की स्थिति' देना आवश्यक है। यह स्थिति निश्चित अवधि के लिए पानी रोककर उत्पन्न की जाती है।

  • दूसरी विधि में, एथेरल का छिड़काव पेड़ की पत्तियों पर 1 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी की दर से किया जाता है। इस विधि में 60% पत्तियों का झड़ना देखा जा सकता है। एथेरल के प्रयोग के लिए कृषि विशेषज्ञ सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। एथेरल का आवश्यकता से अधिक प्रयोग फसल में कीट एवं रोगों को बढ़ा सकता है।

  • केवल 600 से 1100 मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ही बहार उपचार अपनाया जा सकता है।

  • वार्षिक वर्षा 75 से 250 सेंटीमीटर के मध्य होनी आवश्यक है।

  • मिट्टी का पीएच 5.5 से 8 के मध्य होना चाहिए।

  • सिंचाई रोकने के 40-45 दिन बाद पेड़ों की मध्यम छंटाई की जाती है। उर्वरकों की अनुशंसित खुराक छंटाई के तुरंत बाद लागू की जाती है और सिंचाई फिर से शुरू की जाती है। इससे प्रचुर मात्रा में फूल और फल लगते हैं। फल फूल आने के 4-5 महीने बाद कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं।

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