भिंडी : शूट एवं फ्रूट बोरर कीट से बचाव एवं नियंत्रण

भिंडी को ओकरा और लेडी फिंगर भी कहते हैं। हरी सब्जियों में भिंडी को एक अलग स्थान प्राप्त है। भिंडी की सब्जी तो लोग पसंद करते ही हैं साथ ही इसके फूलों एवं जड़ों से कई आयुर्वेदिक औषधियां भी बनाई जाती हैं। इसके पौधों की लंबाई करीब 1 मीटर होती है। भिंडी में कई तरह के कीट लगते हैं जिनमे से एक है शूट एवं फ्रूट बोरर कीट। इस कीट से होने वाले नुकसान एवं बचाव की जानकारी यहां से प्राप्त करें।
कीट की पहचान
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इस कीट के अंडे गोलाकार एवं हल्का पीलापन लिए सफेद रंग के होते हैं।
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अंडों से निकलने वाले लार्वा हरे से भूरे रंग के होते हैं।
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मादा कीट भूरे रंग के एवं नर कीट हरे रंग के होते हैं।
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अंडों से लार्वा को निकलने में करीब 4 दिन लगता है और लार्वा को बड़े होने में लगभग 17 से 20 दिनों का समय लगता है।
कीट से होने वाले नुकसान
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इस कीट का लार्वा भिंडी के फूल एवं कलियों को नुकसान पहुंचाते हैं।
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यदि पौधों में फल लग गए तो यह कीट छोटे फलों को भी नष्ट कर देते हैं।
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भिंडी के फलों में छेद दिखने लगते हैं।
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प्रकोप बढ़ने पर फल बड़े होने से पहले ही सड़ कर गिरने लगते हैं।
बचाव के उपाय
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कीट को फैलने से रोकने के लिए संक्रमित फूलों, कलियों एवं फलों को नष्ट कर दें।
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कीट को आकर्षित करने के लिए खेत में फेरोमोन ट्रैप का प्रयोग करें।
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इस कीट से निजात पाने के लिए प्रति लीटर पानी में 2 मिलीलीटर क्विनल्फॉस 25 ई.सी मिला कर छिड़काव करें।
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