बीन्स मे सफ़ेद गिडार कीट (white grub) का प्रकोप और रोकथाम के उपाय

सफ़ेद गिडार कीट
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यह एक सफेद रंग का भूमिगत कीट है, जो अंग्रेजी के अक्षर सी नुमा आकृति का होता है।
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कीट का वयस्क(प्यूपा) जमीन के अंदर 10 सेंटीमीटर की गहराई पर अंडे देकर रहता है।
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अंडों से केवल 7 से 8 दिनों में ही लगभग 12 मिलीमीटर लंबाई वाले लार्वा निकल जाते हैं।
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कीट का प्रकोप वर्षा के मौसम में बढ़ जाता है। साथ ही कीट रात के समय पर अधिक सक्रिय होकर पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं।
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यह कीट बींस के अलावा चना, मसूर, सोयाबीन, लोबिया, मकई एवं टमाटर जैसी फसलों को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
सफ़ेद गिडार कीट से होने वाले नुकसान
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यह कीट पौधों की मूल जड़ को अपना भोजन बनाते हैं। जिससे जड़ों के ऊपर गांठ पड़ने लगती है।
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वयस्क कीट जमीन में गहराई में पाए जाते हैं और रात में मिट्टी से बाहर निकलकर पत्तियों को खाते हैं।
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कीट के प्रकोप से फसल में 20 से 80 प्रतिशत तक नुकसान हो सकता है।
नियंत्रण के तरीके
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पौधों के आसपास गोबर के छोटे-छोटे ढेर बना लें। यह कीट गोबर की ओर आकर्षित होते हैं और बहुत ही कम समय में गोबर के ढेर में एकत्रित हो जाएंगे। जिससे उन्हें आसानी से हटाया जा सकता है।
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मोनोक्रोटोफॉस 36 घुलनशील द्रव्य या क्यूनॉलफॉस 25 प्रतिशत ई.सी. की 1 मिलीलीटर मात्रा को प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
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कार्बेरिल 50 प्रतिशत घुलनशील चूर्ण की 4 ग्राम मात्रा का छिड़काव प्रति लीटर पानी में घोलकर करें।
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फसल के आसपास के परपोषी वृक्षों पर क्लोरोपाइरिफॉस 1 से 1.25 लीटर प्रति 500-1000 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
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पौधों की रोपाई से पहले कार्बोफ्यूरान 3 प्रतिशत CG 10 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से खेत में छिड़कें। कीट का प्रकोप अधिक होने पर 15 दिनों के अंतराल पर दोबारा छिड़काव करें।
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