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चने की फसल में फेरोमोन प्रपंच प्रयोग करने के फायदे
चने की फसल में फेरोमोन प्रपंच प्रयोग करने के फायदे
चने की फसल में कई तरह के कीटों का प्रकोप होता है। जिनमे चने की इल्ली, फली छेदक कीट, कटवर्म, आदि शामिल हैं। सामान्यतः इन कीटों के प्रकोप से पैदावार में 15 से 30 प्रतिशत तक कमी आती है। समय रहते यदि इन कीटों पर नियंत्रण नहीं किया गया तो 80 प्रतिशत तक फसल नष्ट हो सकती है। ऐसे में इन पर नियंत्रण के लिए किसान विभिन्न कीटनाशकों का प्रयोग करते हैं, जो फसलों के साथ हमारे स्वास्थ्य एवं खेत की मिट्टी के लिए भी हानिकारक है। अब सवाल यह उठता है कि कीटनाशकों का प्रयोग किए बगैर इन कीटों पर नियंत्रण कैसे प्राप्त करें? इसका जवाब है फेरोमोन प्रपंच।
चने की फसल में फेरोमोन ट्रैप लगाने के फायदे
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फेरोमोन ट्रैप के प्रयोग से फसलों एवं खेत की उर्वरक क्षमता पर विपरीत प्रभाव नहीं होता है।
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फेरोमोन ट्रैप के प्रयोग से नर कीटों को फंसाया जाता है। नर कीट नहीं होने से मादा कीट अंडे नहीं दे पाती हैं। फलस्वरूप कीटों की संख्या में कमी आती है।
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अलग-अलग ल्योर लगा कर विभिन्न कीटों को आकर्षित किया जाता है।
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कीटनाशकों पर होने वाले खर्च में कमी आती है।
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कीटनाशक के छिड़काव के लिए मजदूरों पर होने वाली लागत भी कम होती है।
चने की फसल में कितनी संख्या में लगाएं फेरोमोन ट्रैप?
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प्रति एकड़ चने की खेत में 5 से 8 फेरोमोन ट्रैप लगाएं।
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इसे फसलों की ऊंचाई से करीब 1 से 2 फीट की ऊंचाई पर लगाएं।
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