रस चूसक कीटों के लिए दशपर्णी अर्क
दशपर्णी अर्क या दिशारी अर्क एक कीटनाशक है जिसका उपयोग आम तौर पर फलों के बगीचे, सब्जियों आदि की खेती में किया जाता है। रस चूसक कीटों को नियंत्रित करने में दशपर्णी अर्क बहुत प्रभावी है। इसे प्राकृतिक सामग्रियों का उपयोग करके तैयार किया जाता है। इस अर्क को देशी गाय के मूत्र, गाय के गोबर, नीम, अरंडी, कस्टर्ड, पपीता, नीचे, अदरक, लहसुन, हरी, मिर्च आदि पत्तियों के प्रयोग से तैयार किया जाता है। दशपर्णी अर्क के कई उत्पाद बाजार में उपलब्ध हैं। लेकिन आप इसे बहुत कम खर्च में आसानी से घर पर भी तैयार कर सकते हैं।
दशपर्णी अर्क बनाने की विधि
- एक टैंक में 200 लीटर पानी डालें और फिर उसमें समान मात्रा में दस प्रकार के पौधों की 2 किलोग्राम पत्तियां डालें। इसके बाद 5 लीटर गोमूत्र और 5 किलोग्राम गोबर डालकर मिश्रण को अच्छी तरह मिलाएं।
- तैयार मिश्रण को 5 दिनों के लिए छोड़ दें। अगले दिन मिश्रण में 5-7 लीटर पानी डालें और सारी सामग्री को अच्छी तरह मिलाएं।
- अब इस मिश्रण को 1 महीने के लिए छोड़ दें और छानकर इस्तेमाल करें।
- एक बार बनाए गए दशपर्णी अर्क का प्रयोग आप अगले 4 महीनों तक कर सकते हैं।
दशपर्णी अर्क के फायदे
- यह पूरी तरह से प्राकृतिक, पौधे-आधारित उत्पाद है और रसायन का उपयोग न किए जाने के कारण फसल में किसी भी प्रकार का नाकारात्मक प्रभाव नहीं डालता है।
- पौधों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के साथ पर्यावरण को अच्छा और प्रदूषित मुक्त बनाए रखता है।
दशपर्णी अर्क प्रयोग करने की विधि
- 200 मिलीलीटर को 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। इसका उपयोग फूलों के चरण में सब्जी और फलों के पौधों के लिए किया जा सकता है। आवश्यकतानुसार छिड़काव को 10 दिन या 2 सप्ताह में एक बार दोबारा दोहराएं।
- कीड़ों के हमले को रोकने के लिए नारियल के छोटे पौधों, केले के पौधों आदि पर भी आप इसका प्रयोग कर सकते हैं।
आप अपने खेत में रस चूसक कीटों पर नियंत्रण के लिए कौन-कौन से उपाय करते हैं? हमें कमेंट सेक्शन में लिखकर जरूर बताएं। साथ ही इस पोस्ट को लाइक और शेयर करना न भूलें। इस तरह की अधिक जानकारियों के लिए 'देसी जुगाड़' चैनल को अभी फॉलो करें।
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