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धान की जड़ो में लाल कीट से फसल हो न जाए नष्ट, इस तरह करें नियंत्रण
धान की जड़ो में लाल कीट से फसल हो न जाए नष्ट, इस तरह करें नियंत्रण
धान की फसल में लाल कीट के प्रकोप से भारी नुकसान होता है। यह कीट भूमि के अंदर यानी मिट्टी में रह कर फसल को क्षति पहुंचाते हैं। लाल कीट देखने में केंचुआ (अर्थ वर्म) की तरह होते हैं। अगर आप भी कर रहे हैं धान की खेती तो इस कीट से होने वाले नुकसान एवं पौधों को इस कीट से बचाने के तरीके जानना आवश्यक है। आइए इस विषय पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
लाल कीट से होने वाले नुकसान
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यह कीट पौधों को जड़ों को काटते हैं।
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जिससे पौधों के विकास में बाधा आती है।
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कुछ समय बाद पौधे सूखने लगते हैं।
लाल कीट पर नियंत्रण के तरीके
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लाल कीट पर नियंत्रण के लिए खेत तैयार करते समय प्रति एकड़ भूमि में 4 से 6 किलोग्राम फोरेट 10 जी मिलाएं।
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इसके अलावा प्रति एकड़ भूमि के 4 से 5 किलोग्राम फिप्रोनिल (बाजार में रीजेंट के नाम इस उपलब्ध है) का प्रयोग करें।
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खड़ी फसल में इस कीट का प्रकोप होने पर में प्रति लीटर पानी में 1 क्लोरपायरीफास मिला कर छिड़काव करें।
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