धान की फसल में पहला बार खाद देने का उचित समय एवं मात्रा से जुड़ी जानकारी

भारत समेत कई देशों में धान एक मुख्य फसल है। इसकी फसल से अधिक उत्पादन लेने के लिए सही देखभाल एवं आवश्यक पोषक तत्वों की जानकारी होना आवश्यक है। इसके अभाव में फसल पर विपरीत प्रभाव देखने को मिल सकता है। सही मात्रा में उर्वरकों का इस्तेमाल न होने से फसल को उचित पोषक तत्व नहीं मिलते हैं। इससे फसल का उत्पादन एवं गुणवत्ता प्रभावित होती है। इसलिए उचित मात्रा में उर्वरकों के इस्तेमाल एवं सही समय की जानकारी होना आवश्यक है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से किसानों को धान की फसल में उर्वरक देने का समय एवं मात्रा की जानकारी देंगे। जानने के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।
धान के खेत में पौधों की रोपाई के समय उर्वरक प्रबंधन
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धान के लिए नाइट्रोजन: फासफोरस: पोटाश को 50:12:12 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से खेत में डालें।
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इसके लिए 110 किलोग्राम यूरिया, 75 किलोग्राम सिंगल सुपर फासफेट और 20 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश प्रति एकड़ के हिसाब से खेत में डालें।
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पौधों की रोपाई के समय प्रति एकड़ खेत में 20 किलोग्राम यूरिया डालें।
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पोटाश की पूर्ति के लिए प्रति एकड़ खेत में 15 किलोग्राम एमओपी मिलाएं।
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मिट्टी में जैविक कार्बन की मात्रा 1 प्रतिशत से कम होने पर प्रति एकड़ खेत में 10 से 12 टन कार्बनिक खाद मिलाएं।
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फॉस्फोरस और नाइट्रोजन की पूर्ति के लिए प्रति एकड़ खेत में 40 किलोग्राम डीएपी मिलाएं।
पौधों की रोपाई के बाद उर्वरक प्रबंधन
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पौधों की रोपाई के 25 दिनों बाद प्रति एकड़ खेत में 35 किलोग्राम यूरिया का इस्तेमाल करें।
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अच्छी पैदावार के लिए प्रति एकड़ भूमि में 4 किलोग्राम देहात स्टार्टर का प्रयोग करें।
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पौधों की रोपाई के 42 दिनों बाद प्रति एकड़ खेत में 35 किलोग्राम यूरिया फिर से डालें।
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पौधों की रोपाई के 42 दिनों बाद प्रति एकड़ खेत में 10 किलोग्राम एमओपी का प्रयोग करें।
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पौधों में जिंक की कमी पूरी करने के लिए प्रति एकड़ खेत में 3 से 4 किलोग्राम देहात जैविक जिंक या सिंगल सुपर फास्फेट का इस्तेमाल करें।
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खड़ी फसल में खैरा रोग के लक्षण नजर आने पर 800 ग्राम जिंक सल्फेट और 400 ग्राम बुझा हुआ चूना 180 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें।
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आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और धान के खेत में सही समय पर उचित उर्वरक प्रबंधन कर, फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
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