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दीमक के प्रकोप से धान की फसल को बचाने के सटीक उपाय
दीमक के प्रकोप से धान की फसल को बचाने के सटीक उपाय
फसलों में कई तरह के कीटों का प्रकोप होता है। जिनमें दीमक भी शामिल है। दीमक के प्रकोप से फसलों को सबसे अधिक नुकसान होता है। अच्छी पैदावार के लिए दीमक पर नियंत्रण करना आवश्यक है। दीमक से धान के अलावा गेहूं, मक्का, गन्ना, ज्वार, बाजरा, आदि कई अन्य फसलें भी प्रभावित होती है। आइए धान की फसल में दीमक से होने वाले नुकसान एवं इस पर नियंत्रण पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
दीमक की पहचान
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दीमक समूह में रहने वाले पोलीफोगस कीट हैं।
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यह कीट हल्के पीले या भूरे रंग के होते हैं।
धान की फसल में दीमक से होने वाले नुकसान
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यह कीट मिट्टी में सुरंग बनाकर बीज या पौधों की जड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं।
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इसके अलावा यह पौधों के तने को भी खा कर फसल को नष्ट कर देते हैं।
दीमक पर नियंत्रण के तरीके
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कच्ची गोबर में दीमक के पनपने का खतरा सबसे अधिक होता है। इसलिए खेत में कच्ची गोबर का प्रयोग न करें।
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दीमक से प्रभावित क्षेत्रों में बुवाई से पहले प्रति एकड़ खेत में 30 किलोग्राम नीम की खली मिलाएं।
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दीमक के प्रकोप से बचने के लिए बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 5 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड 20 ई.सी से उपचारित करना चाहिए।
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इसके अलावा प्रति लीटर पानी में 5 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड 20 ई.सी मिलाकर छिड़काव भी कर सकते हैं।
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