मशरूम की खेती | Cultivation of Mushrooms

मशरूम की बढ़ती मांग के कारण इसकी खेती में अपार संभावनाएं हैं। मांग बढ़ने के कारण पिछले कुछ वर्षों में इसकी खेती की तरफ किसानों का रुझान बढ़ता जा रहा है। कम लागत, कम जगह एवं कम समय में तैयार होने वाली मशरूम की खेती करके आप अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। यदि आप भी करना चाहते हैं मशरूम की खेती तो इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां यहां से प्राप्त करें।
कहां करें मशरूम की खेती? | Where Can You Do Mushroom Cultivation?
- मशरूम की खेती मैदानी क्षेत्रों के अलावा, पहाड़ी क्षेत्रों में भी की जा सकती है।
- इसके अलावा ग्रीन हाउस में कृत्रिम वातावरण तैयार करके किसी भी मौसम एवं स्थान में इसकी खेती की जा सकती है।
मशरूम की खेती के लिए उपयुक्त समय | Suitable Time for Mushroom Cultivation
- मशरूम की खेती के लिए मई से अक्टूबर तक का समय सर्वोत्तम है।
- कृत्रिम वातावरण में वर्ष भर इसकी खेती की जा सकती है।
मशरूम की अच्छी उपज के लिए उपयुक्त वातावरण | Suitable Environment for Good Mushroom Yield
- मशरूम की अच्छी उपज के लिए 14 डिग्री सेंटीग्रेड से 18 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान सर्वोत्तम है।
- इसके साथ 85 प्रतिशत आर्द्रता भी होनी चाहिए।
मशरूम की कुछ प्रमुख किस्में | Some Major Types of Mushrooms
- मशरूम की कई किस्में पाई जाती हैं। जिनमें करीब 70 किस्मों की खेती की जाती है।
- खेती की जाने वाली कुछ प्रमुख किस्मों में बटन मशरूम, ऑयस्टर मशरूम, दूधिया मशरूम, पैडीस्ट्रा मशरूम, शिटाके मशरूम, गैनोडर्मा मशरूम, प्लूरोटस मशरूम, आदि प्रमुख हैं।
- इसके अलावा मशरूम की एक एवं किस्म भी प्रचलित है जिसका नाम है गुच्छी मशरूम है। कई औषधियों गुणों से भरपूर होने के बाद भी इसकी खेती नहीं की जाती है। मशरूम की यह किस्म ऊंचे पहाड़ी इलाके के घने जंगलों में कुदरती रूप से पाई जाती है। काफी कम मात्रा में पाए जाने के कारण यह सबसे महंगी सब्जियों में शामिल है।
मशरूम की खेती कैसे की जाती है? | How is Mushroom Cultivation Done?
मशरूम की खेती मुख्यतः 3 तरीके से की जाती है।
- लटका कर: जगह के अभाव में या कम स्थान में खेती करने के लिए यह विधि उपयुक्त है। इस विधि में प्लास्टिक के बैग में कंपोस्ट खाद की एक परत डाली जाती है। इसके बाद मशरूम के बीज डालकर कंपोस्ट की परत से ढक दिया जाता है। अंत में प्लास्टिक के बैग के मुंह को धागे से बांध कर किसी लकड़ी के स्टैंड पर लटका दिया जाता है।
- जमीन में क्यारियां बनाकर: इस विधि से मशरूम की खेती करने के लिए सबसे पहले चयनित भूमि में क्यारियां तैयार की जाती हैं। इसके बाद क्यारियों में कंपोस्ट मिलाकर बीज की रोपाई की जाती है। इस विधि में नियमित रूप से देखभाल की आवश्यकता होती है।
- मचान बनाकर: इस विधि से खेती करने के लिए सबसे पहले बांस या किसी अन्य लकड़ी के द्वारा भूमि की सतह से ऊंचाई पर मचान तैयार किया जाता है। मचान पर कंपोस्ट फैलाकर बीज की बुवाई की जाती है।
कब करें मशरूम की तुड़ाई? | When to Harvest Mushrooms?
- बुवाई के 35 से 40 दिनों बाद या मिट्टी चढ़ाने के 15 से 20 दिनों बाद छोटे मशरूम निकलने लगते हैं।
- 4-5 दिनों बाद छोटे मशरूम आकार में बड़े हो जाते हैं। इस समय इसकी तुड़ाई की जा सकती है।
- मशरूम को घूमा कर तोड़ें। इसके अलावा आप इसे किसी तेज चाकू से काट भी सकते हैं।
मशरूम की खेती के समय इन बातों का रखें ध्यान | Things to Keep in Mind While Cultivating Mushroom
- बीज के अंकुरण के लिए उचित मात्रा में नमी की आवश्यकता होती है। इसलिए 2 से 3 दिनों के अंतराल पर पानी का छिड़काव करते रहें।
- इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जिस कमरे में मशरूम की खेती की जा रही है वहां धूप न आए। धूप आने से नमी की मात्रा में कमी हो सकती है।
- तापमान बढ़ने पर कमरे की खिड़कियों को गीली चादर से ढकें।
- कंपोस्ट या मशरूम के बीज को स्पर्श करने से पहले हाथ को अच्छी तरह साबुन से साफ करें।
- कमरे में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
मशरूम की खेती के लिए प्रशिक्षण कहां से प्राप्त करें? | Where to Get Training for Mushroom Farming?
मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार के द्वारा समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। साथ ही कई बार मशरूम की खेती के इच्छुक किसानों को प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। इसके अलावा कई कृषि विश्वविद्यालयों में मशरूम की खेती का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। अगर आप भी करना चाहते हैं मशरूम की खेती तो नीचे दिए गए संस्थानों से इसकी खेती के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं।
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, बिहार
- ओडिशा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर, ओडिशा
- चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार, हरियाणा
- महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर, राजस्थान
- आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश
- केरल कृषि विश्वविद्यालय, त्रिचूर, केरल
क्या आपने कभी मशरुम की खेती की है? अगर हां, तो इससे आपको कितना मुनाफा होता है? अपने जवाब हमें कमेंट के द्वारा बताएं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं ज्ञानवर्धक जानकारियों के लिए 'कृषि ज्ञान' चैनल को तुरंत फॉलो करें। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक और शेयर करना न भूलें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Question (FAQs)
Q: मशरूम कितने दिन में तैयार होती है?
A: मशरूम को आमतौर पर बढ़ने में लगभग 3-5 सप्ताह लगते हैं। मशरूम निकलने के 4-5 दिनों बाद इनका आकार बड़ा हो जाता है और इनकी तुड़ाई की जा सकती है।
Q: मशरूम की खेती में कितना खर्चा आता है?
A: मशरूम की खेती की लागत मशरूम की किस्म, कच्चे माल की उपलब्धता, क्षेत्र, आदि कई बातों पर निर्भर करती है। छोटे पैमाने पर बटन मशरूम की खेती करने पर प्रति 1000 वर्ग फुट क्षेत्र में लगभग 50,000 रुपये से 1,00,000 रुपये की लागत हो सकती है।
Q: भारत में कौन सा मशरूम अधिक लाभदायक है?
A: भारत में बटन मशरूम की मांग सबसे अधिक होती है। इसलिए किसानों के लिए इसकी खेती सबसे अधिक लाभदायक होती है। इसके अलावा ऑयस्टर मशरूम की खेती से भी किसानों को अच्छा मुनाफा प्राप्त होता है।
Q: भारत में मशरूम कहां उगाया जाता है?
A: मशरूम भारत के विभिन्न हिस्सों में उगाए जाते हैं, लेकिन प्रमुख मशरूम उत्पादक राज्य बिहार, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश केरल हैं। इसके अतिरिक्त जम्मू और कश्मीर, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे कुछ अन्य राज्य भी भारत में प्रमुख मशरूम उत्पादक राज्यों के रूप में उभर रहे हैं।
जारी रखने के लिए कृपया लॉगिन करें

फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ
