एप्पल बेर की खेती से पहले जान लें यह बातें

हमारे देश में मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार,गुजरात, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र एवं आंध्र प्रदेश में एप्पल बेर की व्यावसायिक खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। बेर की अन्य किस्मों की तुलना में एप्पल बेर अधिक मीठा और स्वादिष्ट होता है। इसका आकार भी बेर की अन्य किस्मों की तुलना में बड़ा होता है। आइए एप्पल बेर की खेती से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त करें।
एप्पल बेर के पौधों की रोपाई का उपयुक्त समय
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पौधों की रोपाई के लिए जनवरी से अप्रैल महीने तक का समय सर्वोत्तम है।
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इसके अलावा जुलाई से सितंबर महीने में भी पौधों की रोपाई की जा सकती है।
एप्पल बेर की किस्में
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एप्पल बेर की मुख्य रूप से 2 किस्में होती हैं - थाई एप्पल बेर और कश्मीरी एप्पल बेर।
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थाई एप्पल बेर के फल हरे रंग के होते हैं।
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वहीं कश्मीरी एप्पल बेर के फलों का रंग लाल होता है।
एप्पल बेर के साथ किन फसलों की सहफसली खेती कर सकते हैं?
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एप्पल बेर के साथ तरबूज, खरबूजा, लौकी, तुरई, मिर्च, बैंगन, टमाटर, धनिया, आदि फसलों की खेती कर सकते हैं।
पौधों से पौधों के बीच की दूरी
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पौधों की रोपाई कतारों में करें। सभी करातों के बीच करीब 8 से 10 फीट की दूरी रखें।
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पौधों से पौधों के बीच की दूरी करीब 8 फीट होनी चाहिए।
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एप्पल बेर की सहफसली खेती के लिए आप पौधों की 20 फीट की दूरी पर भी कर सकते हैं।
एप्पल बेर की खेती से जुड़ी कुछ अन्य जानकारियां
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सितंबर महीने में पौधों में फूल आने शुरू हो जाते हैं।
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पौधों की कटाई-छंटाई वर्षा ऋतु शुरू होने से करीब 1 महीने करें।
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पौधों की कटाई करने से शाखाएं अधिक निकलती हैं।
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पौधों की कटाई-छंटाई के बाद निराई-गुड़ाई कर के खाद का प्रयोग करें।
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पौधों को विभिन्न कीटों से बचाने के लिए नीम के तेल का छिड़काव करें।
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पौधों को अधिक सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है।
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जल जमाव होने पर पौधों के विकास में बाधा आती है। इसलिए खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें।
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