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27 Dec
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फूलगोभी एवं ब्रोकलो की फसल में उर्वरकों का प्रयोग | Fertilizer Management in Cauliflower and Broccoli

फूलगोभी और ब्रोकलो भारत में उगाई जाने वाली प्रमुख सब्जियों में से हैं, जिनकी खेती न केवल घरेलू खपत बल्कि निर्यात के लिए भी की जाती है। इन फसलों से अधिकतम उत्पादन और गुणवत्तापूर्ण उपज प्राप्त करने के लिए सही उर्वरकों का चयन और उनका संतुलित उपयोग करना महत्वपूर्ण है। उर्वरकों की मदद से मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखते हुए पौधों की वृद्धि, विकास और पैदावार को बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा, इन फसलों में पोषक तत्वों की सही मात्रा सुनिश्चित करना कीट और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत बनाता है। इस आर्टिकल में, हम फूलगोभी और ब्रोकलो की फसल में उर्वरक प्रबंधन की विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे, जिससे किसान बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकें।

फूलगोभी एवं ब्रोकलो की फसल में उर्वरकों का महत्व | Importance of Fertilizer in Cauliflower and Broccoli

  • बेहतर पैदावार: उर्वरकों के उचित उपयोग से फूलगोभी एवं ब्रोकलो की फसल की उपज में बढ़ोतरी की जा सकती है। जिससे किसानों को अधिक मुनाफा हो सकता है।
  • उपज की गुणवत्ता: उर्वरक फूलगोभी एवं ब्रोकलो के रंग, स्वाद और आकार को बढ़ाकर उत्पादन की गुणवत्ता में भी सुधार कर सकते हैं। इससे बाजार में फसल की कीमत में वृद्धि होती है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता: उचित मात्रा में पोषक तत्वों की पूर्ति से पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। इससे पौधों में विभिन्न रोगों का प्रभाव कम होता है।
  • मिट्टी की उर्वरक क्षमता में सुधार: लगातार खेती करने से मिट्टी में मौजूद पोषक तत्व धीरे-धीरे कम होने लगते हैं। जिससे मिट्टी की उर्वरक क्षमता कम होने लगती है। इसे बनाए रखने के लिए समय-समय पर उर्वरकों का प्रयोग करना जरूरी है।

फूलगोभी एवं ब्रोकलो की फसल में उर्वरक प्रबंधन | Fertilizer Management in Cauliflower and Broccoli

बुवाई के समय | At the Time of Sowing

  • फूलगोभी एवं पत्तागोभी की फसल में बेसल डोज के तौर पर प्रति एकड़ खेत में 85 किलोग्राम डीएपी, 50 किलोग्राम एमओपी एवं 3 किलोग्राम सल्फर का प्रयोग करें।
  • इसके साथ ही प्रति एकड़ खेत में 4 किलोग्राम 'देहात स्टार्टर' का भी प्रयोग करें। इससे फसल की बढ़वार एवं गुणवत्ता दोनों बेहतर होगी।

पौधों की रोपाई के 30 दिनों बाद | 30 Days After Transplanting the Plants

  • पौधों की रोपाई के 30 दिनों बाद प्रति एकड़ खेत में 43 किलोग्राम यूरिया और पौधों की रोपाई के 45 दिनों बाद भी 43 किलोग्राम यूरिया का प्रयोग करें।
  • पौधों के बेहतर विकास के लिए प्रति लीटर पानी में 5 ग्राम एनपीके 19:19:19 (देहात न्यूट्रीवन एनपीके 19:19:19) का प्रयोग करें।

पौधों में फूल आने के समय | During the Flowering Stage of the Plants

  • पौधों में फूल निकलते समय 15 लीटर पानी में 15 ग्राम सूक्ष्म पोषक तत्व एवं 75 ग्राम घुलनशील उर्वरक 13:00:45 (देहात न्यूट्रीवन पोटेशियम नाइट्रेट 13:00:45) मिलाकर छिड़काव करें।
  • प्रति लीटर पानी में 2-3 मिलीलीटर 'देहात बूस्ट मास्टर' मिला कर छिड़काव करने से गोभी के आकार में वृद्धि होती है।

फसलों में उर्वरकों के प्रयोग के समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? | Things to Keep in Mind While Using Fertilizers for Crops

  • मिट्टी की जांच: उर्वरकों का प्रयोग करने से पहले मिट्टी की जांच कराना जरूरी है। इससे मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों एवं पीएच स्तर की जानकारी प्राप्त होती है। मिट्टी जांच के अनुसार उर्वरकों का प्रयोग करें। इससे पौधों एवं जड़ों का अच्छा विकास होगा।
  • उचित मात्रा: उर्वरकों की मात्रा फसल की पोषक तत्वों की आवश्यकताओं और मिट्टी की जांच के परिणाम पर आधारित होनी चाहिए। उर्वरकों की उचित मात्रा जानने के लिए आप कृषि विशेषज्ञों से भी परामर्श कर सकते हैं।
  • उचित समय: बेहतर उपज प्राप्त करने के लिए उर्वरकों का प्रयोग सही समय पर करना चाहिए। खेत की तैयारी के समय उचित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करें। बुवाई के बाद भी 2-3 बार संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है।
  • उर्वरकों का प्रकार: विभिन्न फसलों में उनकी पोषक तत्वों की आवश्यकताओं के आधार पर विभिन्न प्रकार के उर्वरकों का इस्तेमाल किया जाता है। फसल के लिए सही प्रकार के उर्वरक का चयन करना महत्वपूर्ण है। इसकी अधिक जानकारी के लिए आप कृषि विशेषज्ञों से संपर्क करें।
  • उर्वरकों के प्रयोग की विधि: उर्वरकों का इस्तेमाल  विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है। उर्वरकों के प्रयोग की विधि को फसल की पोषक तत्वों की आवश्यकताओं और मिट्टी के प्रकार के आधार पर करना चाहिए।
  • भंडारण: उर्वरकों की प्रभावशीलता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठीक से भंडारित करने की आवश्यकता है। उर्वरकों को सीधे धूप में न रखें। इन्हें नमी से दूर सूखी और ठंडी जगह पर रखना चाहिए।

फूलगोभी एवं ब्रोकलो की फसल में आप किन पोषक तत्वों का प्रयोग करते हैं? अपने जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। इस तरह की अधिक जानकारियों के लिए 'कृषि ज्ञान' चैनल को तुरंत फॉलो करें। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक और शेयर करना न भूलें। जिससे अन्य किसान मित्र भी इस जानकारी का लाभ उठा सकें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)

Q: ब्रोकली और फूलगोभी की खाद कैसे डालें?

A: ब्रोकली और फूलगोभी की फसल में कई चरणों में उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है। इन फसलों की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए खेत तैयार करते समय जैविक खाद जैसे गोबर की खाद या कम्पोस्ट खाद का प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा मुख्य खेत में पौधों की रोपाई के समय नाइट्रोजन फास्फोरस, पोटेशियम युक्त उर्वरकों का प्रयोग करें। पौधों में फूल आने के समय भी उचित मात्रा में एनपीके खाद का प्रयोग कर सकते हैं। मिट्टी जांच के परिणामों के अनुसार सूक्ष्म पोषक तत्वों का प्रयोग करें।

Q: गोभी के लिए कौन सा उर्वरक सबसे अच्छा है?

A: गोभी के लिए एनपीके (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम) की संतुलित मात्रा प्रयोग करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट जैसे जैविक उर्वरक भी फायदेमंद हो सकते हैं।

Q: ब्रोकली को बढ़ने के लिए किन पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है?

A: ब्रोकोली को बेहतर विकास के लिए नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम की संतुलित मात्रा का प्रयोग करें। प्रारंभिक अवस्था के दौरान उच्च फास्फोरस वाला एक तरल उर्वरक उपयोगी हो सकता है। हालांकि उर्वरकों का प्रयोग करने से पहले मिट्टी की जांच अवश्य कराएं।

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