सहजन में खाद प्रबंधन से मिलेगी अच्छी पैदावार (Fertilizer management in drumstick will give good yield)
सहजन, जिसे मोरिंगा या ड्रमस्टिक के नाम से भी जाना जाता है, एक अत्यधिक पोषक तत्वों से भरपूर फसल है। इसकी अच्छी पैदावार के लिए सही खाद और उर्वरक प्रबंधन बहुत ही जरूरी है। जैविक खाद, जैसे गोबर की खाद और वर्मी कंपोस्ट, के साथ नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश (NPK) का उचित मात्रा में उपयोग पौधों की वृद्धि और फूलों की संख्या बढ़ाने में सहायक होता है।मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए जैव उर्वरक और सूक्ष्म पोषक तत्वों का नियमित प्रयोग जरूरी है। आज इस लेख में सहजन की खेती के लिए उचित खाद प्रबंधन कैसे करें इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे।
कैसे करें सहजन में खाद प्रबंधन? (How to manage manure in drumstick?)
खाद और उर्वरक की मात्रा: सहजन के पौधों की शुरुआती वृद्धि के लिए उचित खाद एवं उर्वरक का उपयोग करना बहुत जरूरी है। बीज अंकुरित होने के समय, हर पौधे को 100 ग्राम यूरिया , 32 ग्राम DAP (डाई अमोनियम फास्फेट), और 50 ग्राम MOP (म्यूरेट ऑफ पोटाश) देना चाहिए। ये खाद पौधों को जरूरी पोषक तत्व देते हैं, जिससे जड़ें मजबूत होती हैं और तेजी से बढ़ती हैं। तीन महीने बाद, पौधों को फिर से 100 ग्राम यूरिया दें, जिससे नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ेगी और पौधों की वृद्धि में सुधार होगा। साथ ही, हर पौधे को 10 किलोग्राम गोबर की खाद (एफ.वाई.एम) भी डालना चाहिए, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी और पौधों को आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व मिलेंगे। इस तरीके से खाद का सही उपयोग करके, मोसंबी के पौधों की अच्छी वृद्धि और अधिक फल मिल सकते हैं।
जैविक खाद प्रबंधन:
- सही चुनाव: सहजन की खेती में खाद एवं उर्वरक का सही चुनाव अत्यंत महत्वपूर्ण है। जैविक खाद का उपयोग न केवल पौधों को प्राकृतिक पोषण प्रदान करता है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता को भी बनाए रखता है।
- रोपण के समय: प्रति पौधा 500 ग्राम अच्छी तरह से सड़ी गोबर की खाद और 250 ग्राम नीम की खली मिलानी चाहिए। यह पौधों की शुरुआत के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है।
- वर्मी कंपोस्ट (केंचुआ खाद): वर्मी कंपोस्ट मिट्टी में पोषक तत्वों की पूर्ति करता है और पौधों की जड़ों को मजबूत बनाता है। इसका उपयोग करने से पौधे तेजी से बढ़ते हैं और उनके स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- ट्राइकोडर्मा पाउडर: ट्राइकोडर्मा पाउडर एक प्राकृतिक फफूंद नाशक है, जो हानिकारक फफूंद को नष्ट करता है। इसका प्रयोग पौधों को फंगस बीमारियों से बचाने के लिए किया जाता है।
- नीम की खली: नीम की खली एक जैविक कीटनाशक है, जो कीड़ों और उनके अंडों को नष्ट करती है। यह सहजन की जड़ों को हानिकारक कीटों से बचाने में मदद करती है।
- जिप्सम: जिप्सम मिट्टी सुधारक के रूप में कार्य करता है। यह मिट्टी को भुरभुरा और हवादार बनाता है, जिससे पौधों की जड़ें आसानी से पोषक तत्वों को अवशोषित कर पाती हैं।
सहजन में उर्वरक का प्रयोग करते समय ध्यान रखने योग्य बातें (Things to keep in mind while using fertilizer in drumstick)
- मिट्टी का परीक्षण: पहले मिट्टी का परीक्षण करें ताकि सही उर्वरक और उसकी उचित मात्रा चुनी जा सके, जिससे पौधों को आवश्यक पोषक तत्व मिल सकें।
- फसल की आवश्यकता: उर्वरक का चयन फसल की विशेष जरूरतों के अनुसार करें, ताकि पौधों की वृद्धि में मदद मिले।
- सही मात्रा: परीक्षण और फसल की आवश्यकता के आधार पर सही मात्रा डालें। अत्यधिक या कम मात्रा पौधों के विकास को प्रभावित कर सकती है।
- समय पर आवेदन: उर्वरकों का प्रयोग सही समय पर और आवश्यकतानुसार करें, जिससे पौधों की वृद्धि और उत्पादन में सुधार हो सके।
- उपयोग की विधि: उर्वरक को मिट्टी में अच्छी तरह मिलाना या पौधों की जड़ों के पास डालना अधिक प्रभावी होता है।
- भंडारण: उर्वरकों को सूखी और ठंडी जगह पर रखें, धूप से बचाएं, ताकि उनकी गुणवत्ता बनी रहे और वे अधिक प्रभावी रहें।
आप सहजन में कौन-कौन से खाद एवं उर्वरक देते हैं? अपना जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट करके बताएं। इसी तरह की अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए 'कृषि ज्ञान ' चैनल को अभी फॉलो करें। और अगर पोस्ट पसंद आयी तो इसे लाइक करके अपने किसान दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)
Q: सहजन का पेड़ कितने दिन में तैयार होता है?
A: सहजन का पेड़, जिसे मोरिंगा के नाम से भी जाना जाता है, रोपण के बाद परिपक्व होने में लगभग 8-10 महीने लगते हैं। हालांकि, पहली फसल रोपण के 6-8 महीने बाद ली जा सकती है। पेड़ 20 साल तक फली का उत्पादन जारी रख सकता है।
Q: सहजन की खेती किस मौसम में की जाती है?
A: सहजन की खेती वैसे तो पूरे साल की जा सकती है, लेकिन पौधे लगाने का सबसे अच्छा समय मानसून के मौसम यानि जून से जुलाई या गर्मी के मौसम में मार्च से अप्रैल की शुरुआत में होता है।
Q: सहजन की खेती में कौन कौन से कीट लगते हैं?
A: ऐसे कई कीट हैं जो भारत में सहजन की खेती को प्रभावित कर सकते हैं, जिनमें एफिड्स, फल मक्खियों, लीफ हॉपर और मकड़ी।
Q: सहजन की नर्सरी कैसे तैयार करें?
A: सहजन की नर्सरी तैयार करने के लिए सबसे पहले अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करें। बीजों को 24 घंटे तक पानी में भिगोने के बाद, उन्हें अच्छी तरह से तैयार की गई नर्सरी बेड या 6x8 इंच के पॉलीबैग में लगाएं। नर्सरी बेड के लिए रेतीली मिट्टी का इस्तेमाल करें और बीज को लगभग 1-2 सेंटीमीटर गहराई में बोएं। बुवाई के बाद नियमित रूप से पानी दें, लेकिन जलभराव से बचें। लगभग 7-10 दिनों में अंकुरण शुरू हो जाएगा, और जब पौधे 30-45 सेंटीमीटर ऊंचाई के हो जाएं, तब इन्हें खेत में प्रत्यारोपित किया जा सकता है।
Q: सहजन के पौधे कहाँ मिलेंगे?
A: सहजन के पौधे या बीज स्थानीय नर्सरी, कृषि विभाग से मान्यता प्राप्त केंद्रों, और ऑनलाइन कृषि बाजारों में उपलब्ध होते हैं। इसके अलावा, सहजन की खेती को बढ़ावा देने वाले सरकारी कृषि संस्थानों से भी संपर्क किया जा सकता है, जहां से उच्च गुणवत्ता वाले बीज या पौधे प्राप्त किए जा सकते हैं।
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