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13 Sep
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अंजीर में खाद एवं उर्वरक प्रबंधन (Manure and Fertilizer Management in Fig)


अंजीर की फसल की गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए खाद और उर्वरक का सही प्रबंधन जरूरी है। भारत में अंजीर की सफल खेती के लिए मिट्टी में जैविक और अकार्बनिक उर्वरकों का संतुलित उपयोग करें। सही समय पर विभाजित खुराक में खाद डालने से पौधों की वृद्धि को समर्थन मिलता है और फसल स्वस्थ रहती है। संतुलित उर्वरक प्रबंधन से अंजीर की फसल में उत्कृष्ट गुणवत्ता और उच्च उत्पादन सुनिश्चित होता है।

कैसे करें अंजीर में उर्वरक प्रबंधन? (How to do fertilizer management in fig?)

अंजीर के 1 से 2 साल पुराने पौधों के लिए:

  • गोबर की खाद (FYM) प्रति पौधा 15 किलोग्राम देना चाहिए इसे मिट्टी में मिलाकर पौधे के चारों ओर डालें। यह मिट्टी की संरचना सुधारने और पौधों की जड़ों के विकास के लिए अच्छा होता है।
  • यूरिया (Urea) प्रति पौधा 163 ग्राम, यूरिया नाइट्रोजन का एक अच्छा स्रोत है, जो पत्तियों की हरी-भरी वृद्धि के लिए आवश्यक होता है।
  • डीएपी (DAP - डाय-अमोनियम फॉस्फेट) प्रति पौधा  248.7 ग्राम, डीएपी पौधों के लिए फास्फोरस का मुख्य स्रोत है, जो जड़ों के विकास और फूलों के बनने में सहायक होता है।
  • एम.ओ.पी (MOP - म्युरेट ऑफ पोटाश) प्रति पौधा 100.3 ग्राम, पोटाश पौधे की कोशिका संरचना को मजबूत करता है और फल के आकार और स्वाद को बेहतर बनाता है।
  • माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जिंक, बोरान, और मैग्नीशियम जैसे माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का भी अंजीर के पौधों पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। साल में एक बार इसका छिड़काव किया जा सकता है ताकि पौधों की वृद्धि में सुधार हो और फल की गुणवत्ता बढ़े।

3 साल या उससे पुराने पौधों के लिए:

  • गोबर की खाद (FYM) प्रति पौधा 25 किलोग्राम, पुरानी फसल के लिए अधिक मात्रा में गोबर की खाद जरूरी है, ताकि पौधे की वृद्धि स्थिर बनी रहे और मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी ना हो।
  • यूरिया (Urea) प्रति पौधा 320 ग्राम, पुराने पौधों में पत्तियों की वृद्धि को संतुलित रखने के लिए यूरिया की मात्रा थोड़ी अधिक होनी चाहिए।
  • डीएपी (DAP) प्रति पौधा 500 ग्राम, डीएपी की अधिक मात्रा जड़ के विकास को प्रोत्साहित करती है और फसल की उपज में वृद्धि करती है।
  • एम.ओ.पी (MOP) प्रति पौधा 200 ग्राम, फल के आकार और स्वाद को बेहतर बनाने के लिए पोटाश की मात्रा अधिक रखी जाती है।

अंजीर में पोषक तत्वों की कमी के नुकसान (Disadvantages of lack of nutrients in figs)

  • नाइट्रोजन की कमी से पत्तियां पीली पड़ जाती हैं।
  • फास्फोरस की कमी से पत्तियों के किनारे भूरे हो जाते हैं।
  • पोटेशियम की कमी से पत्तियों के किनारे सूखे हो जाते हैं।
  • कैल्शियम की कमी से पत्तियां विकृत हो जाती हैं।
  • मैग्नीशियम की कमी से पत्तियां पीली और धब्बेदार हो जाती हैं।
  • आयरन की कमी से पत्तियां पीली हो जाती हैं।
  • पोषक तत्वों की कमी से पौधों के विकास में बाधा आती है, अंजीर के फलों की गुणवत्ता खराब होती है और उपज में कमी आती है।
  • इनकी कमी से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिससे पौधे कीटों और रोगों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं।

उर्वरक के प्रयोग के समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? (Things to Keep in Mind While Using Fertilizer)

  • मिट्टी का परीक्षण कर सही उर्वरक और मात्रा चुनें।
  • फसल की जरूरत के अनुसार उर्वरक का चयन करें।
  • परीक्षण और फसल की आवश्यकता के आधार पर सही मात्रा डालें।
  • उर्वरकों का प्रयोग सही समय पर और आवश्यकतानुसार करें।
  • उर्वरक को सही विधि से लागू करें।
  • उर्वरकों को सूखी और ठंडी जगह पर रखें, धूप से बचाएं।

क्या आप अंजीर की खेती में खाद और उर्वरकों का उपयोग करने से पहले मिट्टी की जांच करवाते हैं? अपने अनुभव हमारे साथ कमेंट करके साझा करें। यदि आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो कृपया इस पोस्ट को लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ शेयर करें ताकि वे भी इस महत्वपूर्ण जानकारी का लाभ उठा सकें। बेहतर फसल प्राप्त करने और कृषि से संबंधित और जानकारियों के लिए 'कृषि ज्ञान' चैनल को तुरंत फॉलो करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)

Q: अंजीर का पौधा कितने दिन में फल देता है?

A: अंजीर के पौधे का फल देने का समय कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे पौधे की उम्र, जलवायु और देखभाल। सामान्यतः, अंजीर का पौधा रोपाई के 1-2 साल बाद फल देना शुरू कर देता है। हालांकि, अच्छे और पूर्ण उत्पादन के लिए इसे 3-4 साल का समय लग सकता है। पौधे की नियमित देखभाल, जैसे समय पर पानी देना और खाद डालना, फल देने की प्रक्रिया को तेज कर सकती है।

Q: अंजीर के पौधे कब लगाएं?

A: अंजीर के पौधों की रोपाई के लिए सबसे अच्छा समय बारिश का मौसम होता है, खासकर जुलाई से अगस्त का महीना। इस समय मिट्टी में पर्याप्त नमी होती है, जिससे पौधों की अच्छी जड़ें बनती है और वे तेजी से बढ़ते हैं। आप नर्सरी से तैयार पौधे खरीद सकते हैं या खुद अपनी नर्सरी में पौधे तैयार कर सकते हैं। अंजीर के पौधों के बीच लगभग 5 मीटर की दूरी रखनी चाहिए ताकि उन्हें बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके।

Q: अंजीर के पेड़ सबसे अच्छे कहां उगते हैं?

A: अंजीर के पेड़ गर्म और शुष्क जलवायु वाले क्षेत्रों में सबसे अच्छे उगते हैं। भारत में, महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों में अंजीर की खेती बड़े पैमाने पर होती है। अंजीर की खेती के लिए ऐसी मिट्टी उपयुक्त होती है जिसमें जल निकासी अच्छी हो, यानी पानी ज्यादा देर तक न रुके। इसके अलावा, मिट्टी उर्वरक होनी चाहिए ताकि पौधों को आवश्यक पोषण मिल सके।

Q: अंजीर कैसे उगाए जाते हैं?

A: अंजीर के पौधे को कटिंग या ग्राफ्टिंग की विधि से उगाया जा सकता है। कटिंग के लिए, स्वस्थ और मजबूत टहनी को चुनकर उसे अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में रोपें। आप बीज से भी अंजीर उगा सकते हैं। बीजों को पानी में भिगोकर अच्छे बीजों को चुनें और उन्हें उर्वर मिट्टी में बोएं। अंजीर के पौधों को धूप की अच्छी मात्रा मिलनी चाहिए ताकि वे अच्छी तरह से विकसित हों।

Q: अंजीर कितने रुपए किलो मिलता है?

A: अंजीर के एक पौधे से औसतन 20 से 25 किलो तक फल प्राप्त किया जा सकता है। बाजार में अंजीर की कीमत 800 से 1000 रुपये प्रति किलो तक होती है, जो उनकी गुणवत्ता और मांग पर निर्भर करती है।

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