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30 Oct
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आम के पौधों में खाद एवं उर्वरक प्रबंधन | Fertilizer Management in Mango Plants

आम के पेड़ की वृद्धि और पौधों को विभिन्न रोगों से बचाने के लिए उचित खाद प्रबंधन की आवश्यकता होती है। खाद और उर्वरकों की सही मात्रा और समय पर उपयोग न केवल पैदावार बढ़ाता है, बल्कि फलों की गुणवत्ता में भी सुधार करता है। आम के वृक्षों में डाई अमोनियम फास्फेट (डीएपी), यूरिया और म्यूरेट आफ पोटाश (एमओपी) के साथ अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद या कम्पोस्ट खाद का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा जिंक, कॉपर और बोरॉन जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों का प्रयोग भी लाभदायक साबित होता है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम आम के पौधों में खाद एवं उर्वरक प्रबंधन की विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।

उर्वरकों के प्रयोग से पहले मिट्टी की जांच का महत्व | Importance of Soil Testing Before Using Fertilizers

आम के पौधों में उर्वरक प्रबंधन की शुरुआत खेत की मिट्टी की जांच से होती है। इस जांच के द्वारा मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों की जानकारी मिलती है। इससे किसान यह जान सकते हैं कि मिट्टी में किस पोषक तत्व की कमी है और कौन सा उर्वरक किस मात्रा में डालना है। मिट्टी की जांच के आधार पर खाद और उर्वरकों का चयन करना सबसे पहला और महत्वपूर्ण कदम है।

आम के पौधों में मुख्य पोषक तत्वों का महत्व | Importance of Primary Nutrients in Mango Plants

आम के पौधे को स्वस्थ और उत्पादक बनाए रखने के लिए नीचे दिए गए पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है।

  • नाइट्रोजन: यह पौधे की हरी पत्तियों और तनों के विकास में सहायक होता है।
  • फॉस्फोरस: यह पौधों की जड़ प्रणाली को मजबूत बनाता है और ऊर्जा स्थानांतरण में सहायक है।
  • पोटैशियम: पोटैशियम फलों के आकार और गुणवत्ता को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

आम के पौधों में सूक्ष्म पोषक तत्वों का महत्व | Role of Micronutrients in Mango Plants

  • सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे जिंक, बोरॉन, आयरन, और मैग्नीशियम भी आम की पैदावार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • इनकी कमी से पत्तियों का रंग हल्का होना, मंजर का गिरना और फलों की गुणवत्ता में गिरावट हो सकती है।

आम के पौधों में जैविक खाद का महत्व | Benefits of Organic Fertilizers in Mango Plants

  • जैविक खाद जैसे गोबर की खाद, कम्पोस्ट, और वर्मी कम्पोस्ट न केवल पोषक तत्व प्रदान करते हैं, बल्कि मिट्टी की संरचना को भी सुधारते हैं।
  • जैविक खाद के उपयोग से मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ती है, जिससे पानी धारण करने की क्षमता भी बढ़ती है।

आम के पौधों में पोषक तत्वों का प्रयोग करने के फायदे | Advantages of Using Fertilizers in Mango Plants

  • पौधों का विकास: उचित मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त होने से पौधों का उचित विकास होता है।
  • पैदावार में वृद्धि: सही मात्रा में खाद और उर्वरक देने से पैदावार में वृद्धि होती है।
  • फलों की गुणवत्ता में सुधार: पोषक तत्वों की सही मात्रा का इस्तेमाल करने से फलों का आकार, रंग और स्वाद बेहतर होता है।
  • मिट्टी की उर्वरता बनाए रखना: जैविक खाद के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि: आम के पौधों में पोषक तत्वों का प्रयोग करने से पौधे मजबूत होते हैं और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इस कारण पौधों में रोग एवं कीटों के प्रकोप में कमी आती है।

आम के पौधों में खाद एवं उर्वरकों की उचित मात्रा | Dosage of Fertilizers for Mango Plants

  • उर्वरकों की मात्रा पौधों/वृक्षों की आयु पर निर्भर करती है।
  • 1 वर्ष के प्रत्येक पौधे में प्रति वर्ष 5 किलोग्राम सड़ी हुई गोबर की खाद, 220 ग्राम यूरिया, 250 ग्राम डीएपी एवं 200 ग्राम एमओपी की आवश्यकता होती है।
  • समय के साथ वर्ष में गुणांक के अनुसार उर्वरक की मात्रा बढ़ती जाएगी। यानी 2 वर्ष के प्रत्येक पौधे को 10 किलोग्राम गोबर की खाद, 440 ग्राम यूरिया, 500 ग्राम डीएपी एवं 400 ग्राम एमओपी खाद की आवश्यकता होती है।
  • वहीं 10 वर्ष के एक वृक्ष को प्रति वर्ष 50 किलोग्राम गोबर की खाद के साथ 2.2 किलोग्राम यूरिया, 2.5 किलोग्राम डीएपी एवं 2 किलोग्राम एमओपी की आवश्यकता होती है।
  • इसके साथ 250 ग्राम जिंक सल्फेट 250 ग्राम कॉपर सल्फेट और 125 ग्राम बोरेक्स का भी प्रयोग करें।

आम के पौधों में खाद डालने का समय | Timing for Applying Fertilizers in Mango Plants

आम के पौधों में खाद देने का सही समय पैदावार को सीधा प्रभावित कर सकता है।

  • खरीफ का मौसम: मानसून के पहले यानी जून-जुलाई में खाद डालने से पौधे को पोषक तत्वों का भरपूर लाभ मिलता है।
  • फूल आने का समय: आम के पौधों में जनवरी-फरवरी महीने में फॉस्फोरस और पोटैशियम का प्रयोग करने से पौधों/वृक्षों में अधिक मात्रा में मंजर आते हैं। इसके साथ ही फलों की गुणवत्ता में भी सुधार होता है।
  • अक्टूबर-नवंबर: इस समय पौधों में हल्की कटाई-छंटाई करने के बाद खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग करने से पौधों की वृद्धि और फलों की गुणवत्ता बेहतर होती है।

आम की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए आप किस समय एवं किन उर्वरकों का प्रयोग करते हैं? अपने जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। इस तरह की अधिक जानकारियों के लिए 'बागवानी फसलें' चैनल को तुरंत फॉलो करें। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक और शेयर करना न भूलें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)

Q: आम के पेड़ में कौन सा खाद डालना चाहिए?

A: आम के पेड़ में गोबर की खाद या कम्पोस्ट का प्रयोग करना चाहिए। इसके साथ ही पौधों में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम का भी प्रयोग करना चाहिए। इसके अलावा सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी दूर करने के लिए जिंक, बोरॉन, आयरन, मैग्नीशियम, आदि का भी प्रयोग करें।

Q: आम के पौधे को बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए?

A: आम के पौधे के बेहतर विकास के लिए सही समय पर सिंचाई करना और उचित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही पौधों को कई तरह के रोगों एवं कीटों से बचाना भी जरूरी है।

Q: आम के पेड़ों में खाद डालने का सबसे अच्छा समय क्या है?

A: नए पौधों की रोपाई के समय पौधों में उर्वरकों का प्रयोग करना चाहिए। इसके अलावा मई-जून महीने में और अक्टूबर-नवंबर महीने में उर्वरकों का प्रयोग करना चाहिए। यदि पौधों की छंटाई की जा रही है तो, छंटाई के बाद भी उर्वरकों का प्रयोग करें।

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