गेहूं : जानें पोटाश डालने का सही समय

गेहूं की बेहतर पैदावार के लिए पोटाश का उपयोग करना बहुत जरूरी है। रेतीली भूमि में पोटाश की मात्रा बहुत कम होती है। इसलिए अगर आप रेतीली भूमि में गेहूं की खेती कर रहे हैं तो पोटाश का उपयोग करना आवश्यक है। गेहूं की फसल में हम 2 बार पोटाश का उपयोग कर सकते हैं। अगर आप भी कर रहे हैं गेहूं की खेती तो पोटाश इस्तेमाल करने का सही समय एवं उचित मात्रा की जानकारी होना आवश्यक है। आइए इस विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
गेहूं की फसल में पोटाश उपयोग करने का सही समय
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खेत तैयार करते समय प्रति एकड़ भूमि में 25 किलोग्राम पोटाश मिलाएं।
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यदि खेत तैयार करते समय पोटाश का उपयोग नहीं किया गया है तो इसकी कमी दूर करने के लिए पहली सिंचाई के समय इसका उपयोग कर सकते हैं।
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पौधों में बालियां बनते समय पोटाश की पूर्ति के लिए खेत में प्रति एकड़ खेत में 1 किलोग्राम एनपीके 00:00:50 खाद का उपयोग करें।
पोटाश इस्तेमाल करने के फायदे
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पौधों की जड़ें मजबूत होती हैं। जिससे पौधों के गिरने की समस्या नहीं होती।
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पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
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अधिक ठंड होने पर पौधों का बचाव होता है।
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फसल जल्दी पक कर तैयार होती है।
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दाने ठोस एवं चमकदार होते हैं।
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दानों में दूध की मात्रा अधिक होती है।
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