गेहूं की फसल में करनाल बंट रोग पर नियंत्रण के सटीक उपाय

हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, जम्मू, मध्य प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, आदि राज्यों में गेहूं की फसल में करनाल बंट रोग का प्रकोप अधिक होता है। गेहूं के पौधों में फूल आने के समय इस रोग का संक्रमण होने लगता है। बालियों में दाने बनने के समय इस रोग के लक्षण नजर आने लगते हैं। अगर आप भी कर रहे हैं गेहूं की खेती तो करनाल बंट रोग से होने वाले नुकसान एवं इस पर नियंत्रण के तरीकों की जानकारी होना आवश्यक है। आइए इस विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
करनाल बंट रोग से होने वाले नुकसान
-
इस रोग से सभी बालियां एवं बालियों के सभी दानें प्रभावित नहीं होते हैं।
-
इस रोग के होने पर गेहूं के दानें भूरे-काले रंग के नजर आने लगते हैं।
-
दानों के अंदर काला चूर्ण बन जाता है।
-
दानों की अंकुरण क्षमता कम हो जाती है।
करनाल बंट रोग पर नियंत्रण के तरीके
-
फसल चक्र अपनाएं।
-
गर्मी के मौसम में खेत की गहरी जुताई करें।
-
इस रोग के प्रति सहनशील किस्मों का चयन करें।
-
गेहूं के पौधों को इस रोग से बचाने के लिए स्वस्थ एवं प्रमाणित बीज का चयन करें।
-
बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 2.5 ग्राम थीरम से उपचारित करें।
-
इस रोग से प्रभावित बालियों को नष्ट कर दें।
-
खड़ी फसल में रोग के लक्षण नजर आने पर 0.1 प्रतिशत प्रोपिकोनोजोल 25 ई.सी. के घोल का छिड़काव करें।
करनाल बंट रोग के प्रति गेहूं की सहनशील किस्में
-
गेहूं की कुछ किस्में करनाल बंट रोग के प्रति सहनशील होती हैं। यानी कुछ किस्मों में इस रोग के होने का खतरा नहीं होता या बहुत कम होता है।
-
गेहूं की इन किस्मों में एच डी 29, एच डी 30, राज 1555, डी डब्ल्यू एच 5023, एम ए सी एस 3828, पी बी डब्ल्यू 502, एच पी 1731, डब्ल्यू एल 1562, डब्ल्यू एच 1097, डब्ल्यू एच 1100, के आर एल 283, आदि शामिल हैं।
यह भी पढ़ें :
-
गेहूं की 25 से 30 दिनों की फसल में उर्वरक प्रबंधन की जानकारी यहां से प्राप्त करें।
हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकरी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें। इसके साथ ही इस पोस्ट को अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसानों तक यह जानकारी पहुंच सके। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें। पशु पालन एवं कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं ज्ञानवर्धक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
जारी रखने के लिए कृपया लॉगिन करें

फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ
