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10 Sep
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गेहूं में खरपतवार प्रबंधन | Weed management in Wheat

गेहूं की खेती में खरपतवारों का प्रबंधन बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये अनचाहे घास फसल की वृद्धि और उत्पादन पर नकारात्मक असर डालते हैं। यदि समय रहते इन खरपतवारों पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो इससे गेहूं की उपज में 30 प्रतिशत तक की कमी हो सकती है। इस समस्या से निपटने के लिए खरपतवार नाशक दवाओं का सही उपयोग आवश्यक है। गेहूं में खरपतवार नाशक दवा का नाम, चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार नाशक दवा, आदि की विस्तृत जानकारी के लिए इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें।

गेहूं की फसल में होने वाले कुछ प्रमुख खरपतवार | Some Major Weeds Found in Wheat

गेहूं की फसल में जंगली जई, लुम्बर घास, मंडूसी, दूब, राई घास, बथुआ, सत्यानाशी घास, जंगली सेंजी, मोथा घास, गाजर घास, आदि खरपतवारों की समस्या अधिक होती है।

गेहूं की फसल में खरपतवारों से होने वाले नुकसान | Impact of Weeds in wheat crop

  • कमजोर पौधे: खरपतवार खेत में मौजूद पोषक तत्वों को ग्रहण कर लेते हैं, जिससे गेहूं के पौधों को उचित मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिल पाता है। इस कारण गेहूं के पौधे कमजोर हो जाते हैं और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आती है। जिससे विभिन्न रोगों एवं कीटों के होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
  • उपज एवं गुणवत्ता में कमी: खेत में खरपतवारों की अधिकता होने पर मुख्य फसल की उपज एवं गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित हो सकती है। पौधों का विकास भी प्रभावित होता है।
  • बढ़ती लागत: खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए कृषि में होने वाली लागत में कमी आती है। इसके साथ ही उत्पादन में कमी होने के कारण किसानों को आर्थिक नुकसान का सामना भी करना पड़ता है।

गेहूं की फसल में खरपतवारों पर नियंत्रण के विभिन्न तरीके | Various methods of controlling weeds in wheat crop

  • गहरी जुताई: खरीफ की फसल की कटाई के बाद खेत में गहरी जुताई करें। इससे खेत में पहले से मौजूद खरपतवार एवं फसलों के अवशेष नष्ट हो जाते हैं।
  • निराई-गुड़ाई: खरपतवारों की समस्या होने पर आवश्यकता के अनुसार निराई-गुड़ाई करें। छोटे छेत्रों में इस प्रक्रिया को आप हाथों से कर सकते हैं, लेकिन बड़े क्षेत्रों के लिए आप आधुनिक कृषि यंत्रों का सहारा ले सकते हैं।
  • उच्च गुणवत्ता के बीज: कई बार फसलों के बीज में खरपतवारों के बीज भी मिले होते हैं, जो आगे चल कर किसानों के लिए समस्या बन जाते हैं। इसलिए बुवाई के लिए हमेशा उच्च गुणवत्ता के बीज का चयन करें।
  • फसल चक्र अपनाना: खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए फसल चक्र अपनाना भी एक बेहतर उपाय है। इससे खेत में उगने वाले घासों का चक्र टूटता है, जिससे इस समस्या में राहत मिलती है।

रासायनिक विधि से खरपतवार नियंत्रण | Chemical method of controlling weeds

बीज के अंकुरण से पहले (बुवाई के बाद 3 दिनों के अंदर) इनमें से किसी एक दवा का प्रयोग करें।

  • प्रति एकड़ खेत में 100-400 ग्राम मेट्रिबुज़िन 70% डब्लूपी (देहात मेट्रीमैक्स, धानुका बैरियर, बायर सेंकोर) का प्रयोग करें।
  • प्रति एकड़ खेत में 1000-1200 मिलीलीटर पेंडीमेथालिन 30% ईसी (देहात पेंडेक्स, धानुका धानुटॉप, सिल्वर क्रॉप पेंडिसिल, यूपीएल दोस्त) का प्रयोग करें।
  • प्रति एकड़ खेत में 1000 मिलीलीटर ब्यूटाक्लोर 50% ईसी (सिनोकेम मचेट, एचपीएम हंटर) का प्रयोग करें।

चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए इनमें से किसी एक दवा का प्रयोग करें।

  • प्रति एकड़ खेत में 340-1700 मिलीलीटर पैराक्वाट डाइक्लोराइड 24% एसएल (देहात चॉपऑफ) का प्रयोग करें।
  • प्रति एकड़ खेत में 160 ग्राम क्लोडिनाफॉप-पिरोक्सोफॉप-प्रोपिनिल 15 डब्ल्यूपी (देहात फ्लेमियो) का प्रयोग करें।
  • प्रति एकड़ खेत में 16 ग्राम सल्फोसल्फ्यूरॉन 75% + मेटसल्फ्यूरॉन 5% (देहात गिज़मो) का प्रयोग करें। यह चौड़ी एवं सकरी पत्ती वाले यानी सभी तरह के खरपतवारों को नष्ट करता है।
  • प्रति एकड़ खेत में 4-8 ग्राम मेटसल्फ्यूरॉन मिथाइल 20% डब्लूपी (कात्यायनी एमएसएम) का प्रयोग करें।
  • प्रति एकड़ खेत में 400 ग्राम 2,4-डी अमीन साल्ट 58% एसएल (देहात Dinome, धानुका वीडमार सुपर) का प्रयोग करें।

सकरी पत्ती वाले खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए इनमें से किसी एक दवा का प्रयोग करें।

  • प्रति एकड़ खेत में 320-360 मिलीलीटर पिनोक्साडेन 5.1% ईसी (देहात पिवोट) का प्रयोग करें।
  • प्रति एकड़ खेत में 36 ग्राम हेलोसल्फ्यूरॉन मिथाइल 75% डब्लूजी (धानुका सेम्प्रा) का प्रयोग करें।
  • प्रति एकड़ खेत में 160 ग्राम क्लोडिनाफॉप प्रोपार्गिल 15% डब्लूपी (कात्यायनी विक्रम) का प्रयोग करें।
  • प्रति एकड़ खेत में 300-400 ग्राम पिरोक्सोफॉप-प्रोपेनिल 15% डब्लूपी (बायर लूसिफर) का प्रयोग करें।

गेहूं की फसल  खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए आप किन दवाओं का प्रयोग करते हैं? अपने जवाब हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक और शेयर करना न भूलें। इस तरह की अधिक जानकारियों के लिए 'खरपतवार जुगाड़' चैनल को तुरंत फॉलो करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)

Q: गेहूं की फसल में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें?

A: गेहूं की फसल में खरपतवारों की अधिकता होने पर नियंत्रण के लिए रासायनिक दवाओं का प्रयोग करें। दवाओं के प्रयोग के समय उसकी मात्रा का विशेष ध्यान रखें, जिससे फसल को किसी भी तरह की हानि से बचाया जा सके।

Q: गेहूं में खरपतवार नाशक दवाई कौन सी है?

A: गेहूं में खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए बाजार में कई तरह की दवाएं उपलब्ध हैं। जिनमें से कुछ बेहतरीन दवाएं इस पोस्ट में बताई गई हैं। आप इस पोस्ट में बताई गई कसी भी एक दवा का प्रयोग कर सकते हैं।

Q: खरपतवार प्रबंधन कैसे किया जाता है?

A: खरपतवार प्रबंधन में सांस्कृतिक, यांत्रिक और रासायनिक तरीकों जैसे विभिन्न अभ्यास शामिल हैं। हम खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए हाथों से निराई-गुड़ाई कर सकते हैं और फसल चक्र भी अपना सकते हैं, लेकिन खरपतवारों की समस्या बढ़ने पर आप रासायनिक दवाओं का प्रयोग कर सकते हैं।

Q: गेहूं की फसल का मुख्य खरपतवार कौन सा है?

A: भारत में गेहूं की फसल में चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के साथ सकरी पत्ती वाले खरपतवारों की भी समस्या होती है। इन खरपतवारों में जंगली जई, बथुआ, सत्यानाशी घास, मोथा घास, गाजर घास, आदि शामिल हैं। ये पोषक तत्वों, पानी और प्रकाश को ग्रहण करते हैं जिससे गेहूं के पौधों का उचित विकास नहीं हो पाता है और उपज में कमी आती है।

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