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गेहूं : बीज दर, अंतराल एवं बुवाई के तरीके

गेहूं : बीज दर, अंतराल एवं बुवाई के तरीके

गेहूं की अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए कई बातों को ध्यान में रखना होता है। जिनमे बीज की सही मात्रा, बुवाई के समय कितनी दूरी होनी चाहिए और बुवाई की विधि भी शामिल है। अगर आपको इन बातों की जानकारी नहीं है तो निश्चित ही यह पोस्ट आपके लिए मददगार साबित होगी। यहां से आप बीज की मात्रा, बीज की बुवाई के लिए अंतराल एवं बुवाई की विधि जान सकते हैं।

बीज की मात्रा

  • सिंचित क्षेत्रों में समय पर बुवाई करने पर प्रति एकड़ खेत में करीब 40 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

  • अगर आप सिंचित क्षेत्रों में देर से बुवाई कर रहे हैं तो प्रति एकड़ खेत में करीब 50 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होगी।

  • छिड़काव विधि से गेहूं की बुवाई करने पर अधिक मात्रा में बीज की आवश्यकता होगी।

  • छिड़काव विधि से बुवाई करने के लिए प्रति एकड़ खेत में 60 से 65 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

कितनी दूरी पर करें बुवाई?

  • समय पर बुवाई कर रहे हैं तो बीज से बीज की दूरी 20 से 22 सेंटीमीटर रखें।

  • देर से बुवाई करने पर बीज से बीज की दूरी 15 से 18 सेंटीमीटर होनी चाहिए।

  • पास-पास बुवाई करने पर पौधों को उचित मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिलते। जिससे उपज में कमी होती है।

  • वहीं अधिक दूरी पर बुवाई करने पर खरपतवार को पनपने के लिए अधिक जगह मिलता है। इस कारण भी पैदावार में कमी देखी जाती है।

बुवाई की विधि

गेहूं की बुवाई कई तरीकों से की जाती है। बुवाई चाहे किसी भी विधि से करें लेकिन बीज की गहराई लगभग 4 से 5सेंटीमीटर ही रखें। अधिक गहराई में बुवाई करने पर अंकुरण में समस्या आती है इसलिए इससे अधिक गहराई में बुवाई करने से बचें।

  • कतारों में बुवाई : कतारों में बुवाई करने के लिए खेत में मेड़ बनाने की आवश्यकता नहीं होती है। सभी कतारों के बीच 20 से 25 सेंटीमीटर की दूरी रखें। निश्चित दूरी एवं गहराई को ध्यान में रखते हुए कतार में 2-2 बीज की बुवाई करें। आप सीड ड्रिल मशीन के माध्यम से भी बुवाई कर सकते हैं।

  • मेड़ पर बुवाई : इस विधि से बुवाई करने के लिए जुताई करने के बाद खेत में मेड़ बना लें। सभी मेड़ों पर 2 या 3 कतारों में बुवाई करें। इस विधि से बुवाई करने पर तकरीबन 25 प्रतिशत तक बीज की बचत होती है। प्रति एकड़ खेत के लिए 30-32 किलोग्राम बीज पर्याप्त है। इसके साथ मेड़ बना कर बुवाई करने से सिंचाई में भी आसानी होती है।

  • जीरो टिलेज विधि : इस विधि में बिना जुताई किए बीज की बुवाई की जाती है। बुवाई के लिए जीरो टिलेज मशीन की आवश्यकता होती है। इस विधि से खेती करने पर कल्ले जल्दी और अधिक निकलते हैं, सिंचाई के समय पानी की बचत होती है और पैदावार में भी वृद्धि होती है।

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यदि आपको गेहूं की खेती के लिए बीज की मात्रा एवं बुवाई की जानकारी महत्वपूर्ण लगी है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। अगर आपके मन में गेहूं की खेती से जुड़े सवाल हैं तो कमेंट के माध्यम से आप अपने सवाल हमसे बेझिझक पूछ सकते हैं।
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