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18 Oct
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गेंदा फूल की वैज्ञानिक खेती


गेंदा एक आमतौर पर उगाया जाने वाला फूल है, जिसका उपयोग धार्मिक और सामाजिक कार्यों में किया जाता है। इसकी कम लागत और उच्च उत्पादन क्षमता के कारण यह एक लोकप्रिय फसल है। इसे कीटों से बचाव के लिए ट्रैप फसल के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। गेंदे का फूल आकर्षक रंग और आकार में होता है, और इसे मुर्गियों के भोजन के लिए भी उपयोग किया जा रहा है, जिससे अंडों की गुणवत्ता में सुधार होता है।

कैसे करें गेंदा की खेती ? (How to cultivate marigold?)

  • मिट्टी (Soil): गेंदा की खेती के लिए दोमट, मटियार दोमट, और बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। 6.0 से 7.5 पीएच वाली मिट्टी इसकी खेती के लिए अच्छी होती है। अच्छे जल निकास वाली उपजाऊ मिट्टी में खेती करने पर बेहतर परिणाम मिलते हैं।
  • जलवायु (Climate): गेंदे की खेती विभिन्न जलवायु परिस्थितियों में की जा सकती है, लेकिन सर्दी, गर्मी, और बारिश तीनों मौसम इसके लिए अच्छे होते हैं। बुवाई के समय 25-35°C तापमान उपयुक्त होता है।
  • बीज दर (Seed Rate): गेंदे की खेती के लिए प्रति एकड़ लगभग 600 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
  • किस्में (Varieties): गेंदे की कई उन्नत किस्में हैं, जिनसे किसान कम समय में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। प्रमुख किस्मों में पूसा बसंती गेंदा, पूसा नारंगी गेंदा, और पूसा अर्पिता शामिल हैं।
  • बुवाई का समय (Sowing Time): गेंदा एक बारहमासी फसल है, जिसे साल भर उगाया जा सकता है। गर्मियों में बुवाई जनवरी-फरवरी और रोपाई फरवरी-मार्च में होती है, जिससे मई-जुलाई में फूल खिलते हैं। इस दौरान तापमान अधिक होने से फूल छोटे होते हैं, लेकिन मांग अधिक होने से मुनाफा अच्छा होता है। बरसात में बुवाई मध्य जून और रोपाई मध्य जुलाई में होती है, जो सितंबर-नवंबर में फूल लाती है। सर्दियों में बुवाई सितंबर, रोपाई अक्टूबर और फूल जनवरी में खिलते हैं, जिसकी गुणवत्ता अच्छी होती है, लेकिन बाजार में दरें कम हो सकती हैं।
  • खेत की तैयारी : गेंदे की बुवाई से पहले खेत की तैयारी बहुत जरूरी है। सबसे पहले मिट्टी पलटने वाले हल से 1-2 बार गहरी जुताई करें, ताकि मिट्टी की ऊपरी परत खुलकर पोषक तत्वों को अंदर तक पहुंच सके। इसके बाद 2-3 बार देशी हल या कल्टीवेटर से हल्की जुताई करें और खेत में पाटा चला कर मिट्टी को भुरभुरा और समतल बना लें। खेत से कंकड़-पत्थर निकालने के बाद, पौधों को लगाने के लिए क्यारियां बनाएं और जल निकासी की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करें ताकि पानी खेत में न रुके।
  • बुवाई: बुवाई के लिए हमेशा उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करें। गेंदे के बीजों को सीधे खेत में या बीज ट्रे में बोया जा सकता है। फ्रेंच गेंदे की खेती के लिए पौधों को 45 x 30 सेमी की दूरी पर और अफ्रीकन गेंदे के लिए 60 x 45 सेमी की दूरी पर रोपण करें। इससे पौधों को उचित जगह मिलती है और उनका विकास बेहतर होता है।
  • खाद एवं उर्वरक : गेंदे की फसल के लिए उर्वरक प्रबंधन बेहद महत्वपूर्ण है। इसके लिए आखिरी जुताई के समय प्रति एकड़ 5 टन गोबर की खाद (FYM) डालनी चाहिए, जो मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाकर पौधों के विकास में मदद करती है। गेंदे के एक एकड़ खेत पर 75 किलोग्राम यूरिया, 86 किलोग्राम डी.ए.पी, और 67 किलोग्राम एम.ओ.पी की मात्रा को बेसल डोज के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, यानी इसका उपयोग बुवाई के समय ही कर लिया जाता है। इसके अलावा, पौधों की अच्छी वृद्धि और फूलों की बेहतर गुणवत्ता के लिए बुवाई के 30 दिनों बाद टॉप ड्रेसिंग के रूप में 75 किलोग्राम यूरिया का छिड़काव करें। इससे पौधों को पोषक तत्वों की सही आपूर्ति होती है और उपज में भी वृद्धि होती है।
  • सिंचाई (Irrigation): गेंदे की फसल को नियमित रूप से पानी की आवश्यकता होती है, खासकर फूल आने के दौरान। गर्मी के मौसम में हर 5-7 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें। ठंड के मौसम में 10-15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए। सिंचाई करते समय यह सुनिश्चित करें कि खेत में जलभराव न हो, क्योंकि अधिक पानी से जड़ों का सड़ना संभव है।
  • खरपतवार नियंत्रण (Weed control): गेंदे की फसल में खरपतवारों की वृद्धि रोकने के लिए निराई-गुड़ाई करना आवश्यक है। खरपतवारों से पौधों को पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। इसलिए खेत में नियमित रूप से निराई-गुड़ाई करके खरपतवारों को निकालें। यदि खरपतवारों की समस्या अधिक हो, तो खरपतवार नाशकों का भी प्रयोग किया जा सकता है।
  • कीट और रोग (Pests and diseases): गेंदा के पौधों में कई रोग और कीट का प्रकोप होता है। प्रमुख रोगों में डैम्पिंग ऑफ, फूल कली सड़न, पत्ती धब्बा, झुलसा रोग, कॉलर सड़न, पौधे का मुरझाना, तना सड़न, और चूर्णिल फफूंदी शामिल हैं। कीटों में लाल मकड़ी, मिलीबग, माहू, लीफ माइनर, बीटल, और पट्टी फुदका कीट प्रमुख हैं। इन समस्याओं का समय पर नियंत्रण आवश्यक है ताकि पौधों की स्वास्थ्य और उपज को बनाए रखा जा सके।
  • फूलों की तुड़ाई (Harvesting): गेंदे के फूलों की तुड़ाई तब करनी चाहिए जब फूल पूरी तरह खिल जाएं। तुड़ाई के लिए सुबह और शाम का समय सबसे उपयुक्त होता है, क्योंकि इस समय फूलों की ताजगी बनी रहती है। फूलों की तुड़ाई के बाद उन्हें तुरंत बाजार में बेचने की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि उनका मूल्य अधिक मिल सके।
  • उपज (Yield): गेंदे के फूलों की उपज मौसम, मिट्टी की उर्वरता, और किस्म पर निर्भर करती है। अफ़्रीकी गेंदा से 3-4 टन प्रति एकड़ उपज प्राप्त होती है, जबकि फ्रेंच गेंदा की उपज 4.5-7 टन प्रति एकड़ होती है। इस प्रकार, उचित मिट्टी और जलवायु परिस्थितियों में सही किस्म का चयन कर किसान बेहतर उपज प्राप्त कर सकते हैं।

गेंदा के औषधीय गुण (Medicinal properties of marigold)

  • गेंदा के फूलों में एंटीऑक्सीडेंट्स ट्यूमर के विकास को रोकते हैं और कैंसर सेल्स को नष्ट करने में मदद करते हैं।
  • यह शरीर को डिटॉक्सीफाई करके विषैले तत्वों को निकालने में सहायक होता है।
  • गेंदा पेट की जलन को कम करके पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
  • गेंदे के फूल और पत्तियों का रस सूजन , खुजली , दाद और त्वचा रोगों में राहत देता है।
  • गेंदे की चाय बुखार कम करती है और ठंड कपकपाहट से राहत देती है।
  • किडनी में पथरी की समस्या होने पर इसकी पत्तियों का काढ़ा लाभकारी होता है, जिससे पथरी बाहर निकलती है।
  • गेंदे के फूलों की चाय आंखों के लिए लाभकारी होती है और इसका रस आंखों को साफ करने में उपयोग किया जा सकता है।

क्या आप गेंदे की खेती करते हैं? अपना जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट करके बताएं। खेती से संबंधित अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए 'बागवानी फसलें' चैनल को अभी फॉलो करें। और अगर पोस्ट पसंद आयी तो इसे लाइक करके अपने किसान दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)

Q: गेंदा लगाने के लिए कौन सा महीना सबसे अच्छा है?

A: ग्रीष्मकालीन मौसम में गेंदे की फसल जनवरी से फरवरी में, और वर्षाकालीन मौसम में मई-जून और शीतकालीन मौसम में फसल की बुआई सितम्बर-अक्टूबर में करते हैं।

Q: गेंदा बढ़ने में कितने दिन लगते हैं?

A: गेंदा की फसल तेजी से अंकुरित होती है, लगभग 8 सप्ताह में फूल खिल जाते हैं , जिससे उन्हें बीज से उगाना आसान हो जाता है।

Q: गेंदा कितनी दूरी पर लगाना चाहिए?

A: गेंदे के पौधों के बीच की दूरी किस्मों के ऊपर निर्भर करती है, जैसे की अफ्रीकन गेंदा 10-12 इंच और फ्रेंच गेंदा 8-10 इंच की दूरी पर लगाते हैं। और अगर कंटेनरों पर लगाते हैं तो, अफ़्रीकी गेंदे के लिए 10 इंच के बर्तन और फ्रेंच गेंदा के लिए 6 इंच के बर्तन का प्रयोग करें।

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