घर में वर्मीवॉश तैयार करने के लिए आसान तरीके

वर्मी वाश का इस्तेमाल ऑर्गेनिक टॉनिक यानी जैव उर्वरक की तरह किया जाता है। फसलों पर इसका छिड़काव करना बहुत आसान होता है। वर्मी वाश के छिड़काव के बाद फसल में अलग से यूरिया, डीएपी जैसे उर्वरकों के प्रयोग की आवश्यकता नहीं होती है। यह रासायनिक खाद एवं अन्य उर्वरकों से ज्यादा प्रभावशाली होता है।
वर्मी वाश में पाए जाने वाले पोषक तत्व
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वर्मी वाश में पोटाश, नाइट्रोजन, फास्फोरस, सल्फर, कैल्शियम, आयरन, यूरिक एसिड और ह्यूमिक एसिड जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
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इसमें फसलों का उत्पादन बढ़ाने वाले हार्मोन और एंजाइम भी पाए जाते हैं।
वर्मी वाश इस्तेमाल करने के फायदे
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यह पौधों के साथ फूल और फलों के विकास में भी सहायक है।
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फसलों के उत्पादन में वृद्धि होती है।
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कीट एवं रोगों का खतरा कम हो जाता है।
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उर्वरकों एवं कीटनाशकों पर होने वाले लागत में कमी आती है।
वर्मी वाश तैयार करने की प्रक्रिया
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सबसे पहले प्लास्टिक के ड्रम में 5 इंच मोटी परत बिछाएं।
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इसके ऊपर 2 इंच मोटी रेत (बालू) की परत बिछाएं।
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रेत की परत के ऊपर 3 इंच मोटी मिट्टी की परत लगाएं।
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इसके ऊपर करीब 9 से 12 इंच मोटी गोबर की परत और 1.5 इंच मोटी घास की परत लगाएं।
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अब आखिर में 200 से 300 केंचुओं को डालें।
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वर्मी वाश प्राप्त करने के लिए करीब 30 दिनों तक प्रति दिन पानी का छिड़काव करते रहें।
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वर्मी वाश को इकट्ठा करने के लिए ड्रम के नीचे छेद बनाएं और ड्रम के नीचे एक कंटेनर रखें।
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इस कंटेनर में वर्मी वाश इकट्ठा होते रहेगा।
वर्मी वाश के इस्तेमाल के समय ध्यान देने वाली बातें
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वर्मी वाश को हमेशा छांव वाले स्थान में बनाएं।
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छोटे पौधे या नए अंकुरित पौधों में इसके छिड़काव से पौधे झुलस सकते हैं। इसलिए छोटे पौधे या अंकुरण में इसका प्रयोग न करें।
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इसे हमेशा पानी में मिला कर प्रयोग करें।
क्या आपने कभी फसलों में वर्मी वाश का प्रयोग किया है? अपने जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। कृषि संबंधी जानकारियों के लिए देहात के टोल फ्री नंबर 1800-1036-110 पर सम्पर्क करके विशेषज्ञों से परामर्श भी कर सकते हैं। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक एवं कमेंट करना न भूलें।
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