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गन्ने के फसल में चोटी छेदक कीट पर नियंत्रण के तरीके
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गन्ने की फसल तैयार होते ही उस पर छेदक कीट का आक्रमण होने लगता है। इस कीट का प्रकोप सामान्यतः पौधे के ऊपरी भाग पर होता है। यह कीट सफेद रंग के होते हैं और यह फसल को बहुत ही कम समय में सूखा कर गिरा सकते हैं। गन्ने में छेदक कीट के कारण फसल की उपज में लगभग 20 प्रतिशत तक की कमी देखने को मिलती है। साथ ही यह शक्कर की गुणवत्ता और मात्रा में कमी का भी एक बड़ा कारण है। अगर आप भी गन्ने की खेती कर रहे हैं तो अपनी फसल को चोटी छेदक कीटों से बचाने के लिए नीचे दिए गए तरीके अपना सकते हैं।
चोटी छेदक कीट पर नियंत्रण के उपाय
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150 मिलीलीटर कोराजन 400 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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मार्च और मई दोनों के प्रथम पखवाड़े में चोटी छेदक के प्रथम एवं द्वितीय पीढ़ी के अंड समूहों को एकत्रित करके नष्ट कर देना चाहिए।
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कीटों पर नियंत्रण के लिए प्याज, मेथी, सौंफ, आदि फसलों की सहफसली खेती करें।
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बुवाई के करीब 60 दिनों बाद 20,000 ट्राइकोडर्मा जेपोनिकम का प्रयोग करें।
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आवश्यकता होने पर 10 दिनों के अंतराल पर 4 से 6 बाद इसका प्रयोग करें।
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गन्ने की फसल में मिट्टी अवश्य चढ़ाएं।
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कार्बोफ्यूरान (3जी) वर्षा शुरू होते ही नमी में गन्ने के पास डालें या सिंचाई करें।
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इसके अलावा फ्यूराडान (3जी) 33 किलोग्राम प्रति एकड़ का भी प्रयोग कर सकते हैं।
भौतिक निवारक उपाय
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कीट की जनसंख्या को कम करने के लिए गन्ने की खेती से पहले खेत में पहले से मौजूद खरपतवार एवं फसलों के अवशेष को नष्ट कर दें।
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गन्ने की बुवाई के लिए छिद्रक के कीट द्वारा खराब किए गए गन्ने के बीजों का प्रयोग करने से बचें।
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गन्ने की सहनशील और प्रतिरोधक प्रजातियों का प्रयोग करें।
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