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गन्ने की फसल में ऊपरी शीर्ष बेधक एवं तना छेदक कीट पर कैसे करें नियंत्रण?
गन्ने की फसल में ऊपरी शीर्ष बेधक एवं तना छेदक कीट पर कैसे करें नियंत्रण?
गन्ने की फसल में कई तरह की कीटों का प्रकोप होता है। जिनमें ऊपरी शीर्ष बेधक कीट एवं तना छेदक कीट प्रमुख है। इन कीटों के प्रकोप से गन्ने की फसल को भारी क्षति पहुंचती है। अगर आप गन्ने की खेती कर रहे हैं तो अपनी फसल को ऊपरी शीर्ष बेधक एवं तना छेदक कीटों से बचाने के लिए नियंत्रण के तरीके यहां से देखें।
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ऊपरी शीर्ष बेधक कीट : इस कीट के कारण गन्ने की फसल को 50 प्रतिशत तक क्षति पहुंचती है। एक शीर्ष भेदक मादा कीट 300 से 400 अंडे देती है। 6 से 8 दिनों में अंडों से सूंडियां निकलने लगती हैं। इस कीट की सूंडी पौधों के शीर्ष में छेद कर के अंदर चली जाती है और गन्ने को अंदर से खा कर सुरंग बना देती है। प्रभावित पौधों की पत्तियों में कई छेद नजर आने लगते हैं। सूंडियां करीब 3 सप्ताह तक फसल को नुकसान पहुंचाती हैं। इसके बाद पर अपने बनाए हुए सुरंग में कृमिकोष की अवस्था में चली जाती हैं। इसके 7 से 9 दिनों बाद कृमिकोष से व्यस्क कीट बाहर निकलते हैं। इस कीट पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ खेत में 400 लीटर पानी में 150 मिलीलीटर कोराजन 20 ई.सी मिला कर छिड़काव करें।
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तना छेदक कीट : यह कीट गन्ने के तनों में छेद करके उसे अंदर से खाते हैं। प्रभावित गन्ने अंदर से खोखले हो जाते हैं। इस कीट पर नियंत्रण के लिए 150 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात कटर मिला कर छिड़काव करें। आवश्यकता होने पर 15 दिनों के अंतराल पर दोबारा छिड़काव करें। जैविक तरीके से नियंत्रण के लिए प्रति लीटर पानी में 5 मिलिटर नीम का तेल मिला कर छिड़काव करें।
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