गन्ने में बेहतर फुटाव के लिए करें यह कार्य

गन्ने के रोपण के लगभग 40 दिन बाद इसमें कल्ले बनने की प्रकिया शुरू हो जाती है। यह प्रक्रिया लगभग 120 दिनों तक चल सकती है। यह गन्ने के तने के जोड़ों की शाखाओं में बंटने की एक प्रक्रिया है, जो कम से कम जमीन पर भी एक अच्छी गन्ने की फसल देने के लिए जानी जाती है। कई मामलों में, पोषक तत्वों की कमी होने के कारण गन्ने का फुटाव अच्छी तरह नहीं हो पाता है। अगर आप भी कर रहे हैं गन्ने की खेती तो बेहतर फुटाव के लिए किए जाने वाले कार्यों की जानकारी होना बहुत जरूरी है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम गन्ने में बेहतर फुटाव के लिए किए जाने वाले कार्यों की विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
गन्ने में कम फुटाव का करण
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पिछली फसल को जमीन की सतह से न काटना।
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मिट्टी में उर्वरकों की कमी होना या आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होना।
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1 फुट से अधिक खाली जगह का छोड़ना।
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खेत में खरपतवारों की अधिकता।
ऐसे बढ़ाएं गन्ने में फुटाव
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खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए अधिक से अधिक निराई-गुड़ाई करें।
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बुवाई के लिए शोधित पौधों का प्रयोग करें।
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एजोस्पिरिलम का प्रयोग करें यह गन्ने की फसल को वायुमंडलीय नाइट्रोजन देता है।
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बेहतर पैदावार के लिए सही समय पर बुवाई करें। वसंत कालीन गन्ना फरवरी-मार्च महीने में लगाएं।
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खेत तैयार करते समय प्रति एकड़ खेत में 4 से 4.8 टन एफवाईएम खाद मिलाएं।
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रोपाई के करीब 30 दिनों बाद प्रति एकड़ भूमि में 2 किलोग्राम एजोस्पिरिलम एवं 2 किलोग्राम फॉस्फोबैक्टीरिया का प्रयोग कर सिंचाई करें। इन दवाओं का प्रयोग कुंड के किनारे करें।
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गन्ने की फसल में प्रति एकड़ जमीन में करीब 60 किलोग्राम नाइट्रोजन, 24 किलोग्राम फास्फोरस और 16 किलोग्राम पोटाश की आवश्यकता होती है।
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खेत तैयार करते समय नाइट्रोजन की आधी मात्रा के साथ पोटाश और फास्फोरस की पूरी मात्रा खेत में मिलाएं।
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बुवाई के 50-60 दिनों बाद या सिंचाई के 2-3 दिन बाद 15 किलोग्राम नाइट्रोजन खेत में डालें।
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बुवाई के 80-90 दिनों बाद या सिंचाई के 2-3 दिन बाद दोबारा 15 किलोग्राम नाइट्रोजन खेत में मिलाएं।
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गन्ने में बेहतर फुटाव के लिए 150 लीटर पानी में 100 से 150 ग्राम देहात ग्रो प्रो मिला कर छिड़काव करें। यह मात्रा प्रति एकड़ भूमि के अनुसार दी गई है।
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गन्ने की कटाई जमीन की सतह से करें।
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