गन्ने में करें कैल्शियम नाइट्रेट का उपयोग और पाएं बेहतर पैदावार

गन्ने की फसल बोते समय किसान उम्मीद करते हैं कि फसल पिछले साल की तुलना में बेहतर पैदावार मिले। किन्तु किसी भी फसल का उत्पादन एवं गुणवत्ता उसके बीज और खाद पर निर्भर करती है। फसल के लिए कौन सा खाद अच्छा है और इसे कब और कैसे देना है, इन सबकी जानकारी होनी चाहिए। आज हम किसानों को कैल्शियम नाइट्रेट के बारे में बताएंगे। ये खाद क्या है? इसका उपयोग कैसे करें और किस मात्रा में करें। इन सबकी जानकारी के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।
कैल्शियम नाइट्रेट खाद क्या है?
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कैल्सियम नाइट्रेट के अंदर कैल्सियम और नाइट्रोजन का मिश्रण होता है।
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इसमें नाइट्रोजन, नाइट्रेट के रूप में होता है, जो सीधे घुलकर पौधों को मिलता है।
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इसमें नाइट्रोजन की मात्रा 15.5 प्रतिशत और कैल्सियम की मात्रा 18.5 प्रतिशत होती है।
कैल्सियम नाइट्रेट के फायदे
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यह खाद पूर्णत घुलनशील है।
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यह फसल के तापमान को सामान्य रखता है, जिससे पौधों का विकास अच्छा होता है।
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फसल में पहले से ही रोग है तो इसके प्रयोग से रोगों का प्रकोप कम होता है।
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इसके प्रयोग से फसल में क्लोरोफिल की मात्रा बढ़ती है, जिससे फसल हरी-भरी रहती है।
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यह फसल में चमक और सुक्रोज की मात्रा बढ़ाता है, जिससे गन्ना मोटा होता है।
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यह पौधों की लंबाई और मोटाई बढ़ाने में मददगार होता है।
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यह गन्ने की फसल की गुणवत्ता सुधारने में मददगार होता है।
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कीटनाशक और रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बढ़ता है।
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मिट्टी के पीएच मान को सुधारता है।
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गन्ने के पौधों के अंदर कैल्सियम की पूर्ति करता है।
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पौधों को स्वस्थ और मजबूत बनाता है।
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गन्ने की पैदावार को बढ़ाता है।
प्रयोग करने का समय
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जब फसल में एक से दो गन्ने की पोरी बन जाती है, जब इसका प्रयोग करें।
उर्वरक की मात्रा
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स्प्रे के लिए 200 लीटर पानी में 500 ग्राम कैल्सियम नाइट्रेट का प्रयोग करें।
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ड्रिप की मदद से 3 से 4 किलोग्राम कैल्सियम नाइट्रेट प्रति एकड़ गन्ने की फसल में प्रयोग करें।
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गन्ने की जड़ों में प्रयोग करने के लिए 15 से 18 किलोग्राम कैल्सियम नाइट्रेट का प्रति एकड़ में प्रयोग करें।
किस खाद के साथ करें प्रयोग
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कैल्सियम नाइट्रेट को बोरोन के साथ मिक्स कर सकते हैं.
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इसके अलावा सागरिका, पोटाश और जिब्रेलिक एसिड के साथ प्रयोग कर सकते हैं.
किसके साथ प्रयोग नहीं करें
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कैल्सियम नाइट्रेट को सल्फुरिक एसिड, पोटेशियम सल्फेट और एनपीके 00:00:50 के साथ प्रयोग नहीं करना चाहिए।
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इसके अलावा सिंगल सुपर फास्फेट के साथ भी इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए।
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