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गोभी में ब्लैक डायमंड मोथ का प्रबंधन

ब्लैक डायमंड मोथ गोभी वर्गीय फसलों को क्षति पहुंचाने वाले कीटों में शामिल हैं। सितंबर-अक्टूबर महीने में इस कीट का प्रकोप बढ़ जाता है। इसके अलावा फरवरी-मार्च महीने में भी इन कीटों का प्रकोप होता है। ये कीट पूरी फसल को चट कर जाते हैं।

ब्लैक डायमंड मोथ कीट से होने वाले नुकसान

  • लार्वा कीट 14 से 21 दिनों तक पौधों की पत्तियों को खुरच कर खाते हैं।
  • कुछ समय बाद यह कीट गोभी के फूलों को भी खाने लगते हैं।
  • यह कीट जहां छेद करके अंदर जाते हैं वहां कीटमल देखे जा सकते हैं।
  • समय रहते नियंत्रण नहीं किया गया तो फसल की पैदावार में 50 से 80 प्रतिशत तक कमी आ सकती है।

ब्लैक डायमंड मोथ कीट पर नियंत्रण के तरीके

  • इस कीट पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ खेत में 54-88 ग्राम इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एस.जी. (देहात इल्लीगो) का प्रयोग करें।
  • प्रति एकड़ खेत में 250-300 मिलीलीटर क्लोरपाइरीफॉस 50% + साइपरमेथ्रिन 5% ई.सी. (देहात सी स्क्वायर) का प्रयोग करें।
  • प्रति एकड़ खेत में 20 मिलीलीटर क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.5% डब्ल्यूडब्ल्यू एससी (कोराजन) के साथ 1 मिलीलीटर नीममार्क 1% मिला कर छिड़काव करने पर भी इस कीट पर आसानी से नियंत्रण किया जा सकता है।
  • इसके अलावा 150 से 200 लीटर पानी में 250 मिलीलीटर साइपरमेथ्रिन 10 प्रतिशत ई.सी. (धानुका - सुपरकिलर) मिलाकर छिड़काव करें।

गोभी में ब्लैक डायमंड मोथ पर नियंत्रण के लिए आप किन दवाओं का प्रयोग करते हैं? अपने जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। इसके साथ ही कृषि संबंधी किसी भी समस्या के समाधान के लिए हमारे टोल फ्री नंबर 1800-1036-110 पर संपर्क करें। यह जानकारी महत्वपूर्ण लगी हो तो इस पोस्ट को लाइक एवं शेयर करना न भूलें।

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