गोभी वर्गीय फसलों में बोरोन की कमी से हो सकते हैं ये नुकसान

ठंड का मौसम शुरू होते ही बाजार में सब्जियों की भरमार हो जाती है। इन सब्जियों में फूलगोभी, पत्ता गोभी, गांठ गोभी, ब्रॉकोली, आदि सब्जियां भी शामिल हैं। पारम्परिक फसलों की तुलना में जल्दी तैयार होने के कारण एवं मांग अधिक होने के कारण गोभी वर्गीय फसलों की खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा होता है। लेकिन अन्य फसलों की तरह गोभी वर्गीय फसलों में आवश्यकता के अनुसार पोषक तत्वों का प्रयोग नहीं करने से कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। समय रहते अगर फसल में पोषक तत्वों की कमी की पहचान कर ली जाए तो प्रबंधन में भी आसानी होती है, जिससे हमें उच्च गुणवत्ता की फसल प्राप्त कर सकते हैं। इन पोषक तत्वों में बोरोन का विशेष महत्व है। गोभी वर्गीय फसलों में बोरोन प्रयोग करने के लाभ एवं इसकी कमी से होने वाले नुकसान की विस्तृत जानकारी के लिए इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें।
गोभी वर्गीय फसलों में बोरोन पोषक तत्व प्रयोग करने के लाभ
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यह गोभी की गांठों को फटने से बचाता है।
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इसके प्रयोग से पौधों में कैल्शियम एवं पोटैशियम का अनुपात नियंत्रित रहता है।
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यह फसल के विकास में सहायक है।
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इसके प्रयोग से परागण एवं प्रजनन क्रियाओं में भी आसानी होती है।
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फसल की गुणवत्ता एवं उपज में बढ़ोतरी होती है।
गोभी वर्गीय फसलों में बोरोन की कमी को कैसे पहचानें?
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गोभी की फसल में बोरोन की कमी होने पर तने खोखले होने लगते हैं। कई बार गोभी के फूलों का रंग भी भूरा होने लगता है।
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पौधों की नई पत्तियों में पीलेपन की समस्या होने लगती है।
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पत्तियां मोटी हो कर मुड़ने लगती हैं।
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पत्तियों की शिराएं मोटी होने लगती हैं।
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गोभी की गांठें एवं फूलों के फटने की समस्या शुरू हो जाती है।
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कई बार पौधों की जड़ें विकृत हो जाती हैं।
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गोभी की गांठों एवं फूलों का आकार छोटा रह जाता है।
गोभी वर्गीय फसलों में बोरोन की कमी कैसे दूर करें?
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बोरोन की पूर्ति के लिए खेत की तैयारी के समय प्रति एकड़ की दर से 3.2 - 4 किलोग्राम बोरेक्स का प्रयोग करें।
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इसके अलावा खड़ी फसल में फूल बनने से पहले 200-300 ग्राम डाईसोडियम ओक्टा बोरेट टेट्रा हैड्रेट (डौट) प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करें।
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प्रति लीटर पानी में 1 ग्राम बोरान मिला कर छिड़काव करने से भी पौधों में बोरान की कमी की पूर्ति होती है।
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गोभी वर्गीय फसलों में होने वाली समस्याएं एवं पोषक तत्वों के प्रयोग की अधिक जानकारी के लिए आप हमारे टोल फ्री नंबर 1800 1036 110 पर संपर्क कर कृषि विशेषज्ञों से मुफ्त सलाह प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा आप अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से भी पूछ सकते हैं। इस जानकारी को अन्य किसानों तक पहुंचाने के लिए इस पोस्ट को लाइक एवं शेयर करना न भूलें। इस तरह की अधिक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
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