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ग्वार फली में कितनी है फसल की उर्वरक आवश्यकता

भारत ग्वार फली का एक बड़ा उत्पादक देश है और पूरे विश्व की लगभग 80% ग्वार फली का उत्पादन करता है। भारत में ग्वार फली मुख्य रूप से राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और पंजाब जैसे राज्यों में उगाई जाती है। अन्य फसलों की तरह ही ग्वार फली की सफल फसल सुनिश्चित करने के लिए, किसानों को बुआई पूर्व उर्वरक प्रबंधन पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही फसल में किसी भी उर्वरक को डालने से पहले मिट्टी का परीक्षण कराना जरूरी है। यह प्रक्रिया फसल में पोषक तत्वों की कमी की पहचान करने और फसल के लिए उचित उर्वरक की आवश्यकता निर्धारित करने में मदद करती है।

ग्वार फली के आवश्यक पोषक तत्व एवं उनकी मात्रा

कार्बनिक पदार्थ: ग्वार की खेती के लिए मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ाना आवश्यक है। कार्बनिक पदार्थ मिट्टी की संरचना, जल-धारण क्षमता और पोषक तत्वों की उपलब्धता में सुधार करने में मदद करते हैं। बुआई से पहले मिट्टी में लगभग 4 टन प्रति एकड़ की दर से अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाने से पौधों की वृद्धि और विकास में काफी फायदा होता है।

नाइट्रोजन: नाइट्रोजन वानस्पतिक वृद्धि और पौधों के समग्र विकास के लिए आवश्यक है। यह पत्तियों के विकास को बढ़ावा देता है और अन्य पोषक तत्वों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने की पौधे की क्षमता को बढ़ाता है।

ग्वार के पौधों को नाइट्रोजन की मध्यम आवश्यकता होती है। जिसके लिए बुआई से पहले, लगभग 10 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से यूरिया को खेत में मिलाएं। वहीं बुवाई के लगभग 30 दिनों बाद 10 किलोग्राम यूरिया

फास्फोरस और पोटेशियम अनुप्रयोग: फास्फोरस और पोटेशियम फसल में जड़ विकास, फूल और फल लगने के लिए महत्वपूर्ण है। फसल में फॉस्फोरस की पूर्ति के लिए 32 किलोग्राम डाईअमोनियम फॉस्फेट का प्रयोग प्रति एकड़ की दर से करें। वहीं पोटाश उर्वरक की पूर्ति के लिए को म्यूरेट ऑफ पोटाश 40 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से खेत में डालें।

सूक्ष्म पोषक तत्व: ग्वार के पौधों को जस्ता, बोरान, मैंगनीज, कैल्शियमस और सल्फर जैसे पोषक तत्वों की आवश्कता की भी समय-समय पर आवश्यकता पड़ती रहती है। सूक्ष्म पोषक तत्वों के की पूर्ति के लिए देहात स्टार्टर का प्रयोग 4 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से करें।

ग्वार फली की खेती से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए अभी कॉल करें 1800-1036-110 पर पूछे अपने सवाल देहात कृषि विशेषज्ञों से।


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