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26 June
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हींग से कैसे तैयार करें कीटनाशक एवं लिक्विड फर्टिलाइजर? | How to Prepare Insecticide and Liquid Fertilizer Using Asafoetida (Hing)

कई बार पोषक तत्वों की कमी होने पर पौधों की पत्तियां पीली हो कर झड़ने लगती हैं। वहीं कई बार कुछ कीटों के प्रकोप के कारण पौधों की जड़ें खराब होने लगती हैं। ऐसे में पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए एक प्रभावशाली फर्टिलाइजर (उर्वरक) एवं विभिन्न कीटों पर नियंत्रण के लिए बेहतरीन कीटनाशक प्रयोग करना आवश्यक है। बात करें बाजार में उपलब्ध उर्वरकों एवं कीटनाशकों की तो इनमें कई तरह के हानिकारक रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे विभिन्न कीटों पर नियंत्रण तो आसानी से कर सकते हैं लेकिन धीरे-धीरे मिट्टी की उर्वरक क्षमता कम होने लगती है। ऐसे में जैविक तरीके से तैयार किए गए खाद एवं कीटनाशकों का प्रयोग करना एक बेहतर विकल्प है। इसी क्रम में हम आप हींग से तैयार किए जाने वाले उर्वरक एवं कीटनाशक की जानकारी साझा कर रहे हैं। आइए इस विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

हींग से कीटनाशक तैयार करने की विधि | Preparation of Pesticide Using Asafoetida (Hing)

  • सबसे पहले किसी कटोरे में पानी लें।
  • उसमें आधा चम्मच हींग डाल कर अच्छी तरह मिलाएं।
  • इस मिश्रण को आधे घंटे रखें।
  • इसके बाद इस मिश्रण को स्प्रे बॉटल में भरकर कीटनाशक की तरह छिड़काव करें।

पौधों में हींग से तैयार किए गए कीटनाशक प्रयोग करने के फायदे | Benefits of Using Asafoetida-Based Pesticides in Plants

  • हानिकारक कीटों पर नियंत्रण: इसके इस्तेमाल से एफिड्स, माइट्स, सफेद मक्खियों जैसे विभिन्न कीटों को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
  • पर्यावरण पर प्रभाव: हींग से तैयार किया गया कीटनाशक प्राकृतिक और गैर विषैले होते हैं। इसके इस्तेमाल से खेत की मिट्टी दूषित नहीं होती है। इस तरह यह पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता है।
  • तैयार करने में आसान: बहुत कम सामग्री से किसान इसे घर में तैयार कर सकते हैं।
  • लागत प्रभावी: रासायनिक कीटनाशकों की तुलना में हींग से तैयार किए गए कीटनाशक लागत प्रभावी होते हैं। इसके साथ ही इसके इस्तेमाल से कीटनाशकों पर होने वाले खर्च में भी कमी आती है।
  • फसलों के लिए सुरक्षित: हींग से तैयार किए गए कीटनाशक का प्रयोग करने से पौधों पर किसी तरह का विपरीत प्रभाव नहीं होता है। बाजार में मिलने वाले हानिकारक रासायनिक उर्वरकों की तुलना में ये फसलों के लिए सुरक्षित होते हैं।
  • मानव स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित: पौधों के साथ ही यह मानव स्वास्थ्य के लिए भी खतरा पैदा नहीं करते हैं।

हींग से लिक्विड फर्टिलाइजर बनाने की विधि | How to Make Liquid Fertilizer from Asafoetida (Hing)

  • हींग के फर्टिलाइजर तैयार करने के लिए सबसे पहले आधी बाल्टी पानी में 1 कटोरी चाय पत्ती और आधी छोटी चम्मच हींग डाल कर अच्छी तरह मिलाएं।
  • इस मिश्रण को 1 सप्ताह तक रहने दें।
  • इसके बाद इस मिश्रण को पौधों में डालें।
  • हींग से तैयार किए गए उर्वरक के साथ किसी अन्य खाद की आवश्यकता नहीं होती है।

पौधों में हींग से तैयार किए गए उर्वरक प्रयोग करने के फायदे | Benefits of Using Asafoetida-based Fertilizers in Plants

  • उर्वरक क्षमता: हींग से तैयार किए गए उर्वरकों में किसी तरह का हानिकारक रसायन मौजूद नहीं होता है। इसलिए इसके इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरक क्षमता में सुधार किया जा सकता है।
  • मिट्टी की संरचना में सुधार: यह मिट्टी की जल धारण क्षमता को बढ़ाने में सहायक है। जिससे इसकी बनावट एवं संरचना में सुधार होता है।
  • पोषक तत्वों की पूर्ति: यह मिट्टी में फास्फोरस, पोटेशियम और कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों की उपलब्धता को बढ़ा सकता है। जिससे फसलों में पोषक तत्वों की कमी दूर होती है।
  • फसलों की गुणवत्ता: हींग से तैयार किए गए उर्वरकों के प्रयोग से फसलों की उपज और गुणवत्ता में सुधार हो सकती है।यह फलों और सब्जियों के आकार, वजन और पोषण मूल्य को बढ़ाने में सहायक है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता: हींग में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं। यह पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ाते हुए पौधों में लगने वाले रोगों को रोकने में मददगार साबित होता है।
  • पौधों के विकास में सहायक: हींग में सल्फर यौगिक होते हैं जो पौधों की वृद्धि में मदद करते हैं। सल्फर पौधों के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है और यह प्रोटीन, एंजाइम एवं क्लोरोफिल के निर्माण में मदद करता है।
  • कम खर्च में तैयार: हींग से उर्वरक तैयार करने में किसानों को अधिक लागत की आवश्यकता नहीं होती है। इसे बहुत कम खर्च में तैयार किया जा सकता है।

क्या आपने कभी हींग से तैयार किए गए कीटनाशक एवं फर्टिलाइजर का इस्तेमाल किया है? अपने जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई है तो हमारे पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी इस जानकारी का लाभ उठा सकें। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं ज्ञानवर्धक जानकारियों के लिए ‘देसी जुगाड़’ चैनल को तुरंत फॉलो करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)

Q: हींग पौधों के लिए अच्छा है?

A: हां, हींग पौधों के लिए अच्छा हो सकता है क्योंकि इसमें ऐसे यौगिक होते हैं जिनमें कीटनाशक गुण होते हैं और यह एफिड्स, माइट्स और सफेद मक्खी जैसे कीटों पर नियंत्रण के लिए कीटों पर नियंत्रण में कारगर होते हैं। यह प्राकृतिक तत्वों से तैयार किये जाते हैं, जिससे फसलों को किसी तरह की क्षति नहीं पहुंचती है।

Q: पौधों के लिए कौन सा कीटनाशक सबसे अच्छा है?

A: पौधों के लिए सबसे अच्छा कीटनाशक कीट कीट के प्रकार और फसलों पर निर्भर करता है। मिट्टी की उर्वरक क्षमता और स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल करना बेहतर है। यदि आप रासायनिक कीटनाशक का प्रयोग कर रहे हैं तो उसकी मात्रा का विशेष ध्यान दें।

Q: जैविक उर्वरक से क्या लाभ है?

A: जैविक उर्वरक मिट्टी के कार्बनिक पदार्थों को बढ़ाकर मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करते हैं, जो मिट्टी की संरचना, जल-धारण क्षमता और पोषक तत्वों की उपलब्धता को बढ़ाता है। यह फसलों में पोषक तत्वों की कमी दूर करता है। लगातार जैविक उर्वरकों के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरक क्षमता धीरे-धीरे बढ़ने लगती है। जिससे किसान अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं।

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