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इस तरह करें भिंडी की बुवाई, होगी अधिक पैदावार
इस तरह करें भिंडी की बुवाई, होगी अधिक पैदावार
हरी सब्जियों में भिंडी का एक विशेष स्थान है। हमारे देश में करीब 490 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में भिंडी की खेती होती है। जिससे प्रति वर्ष लगभग 5830 हजार टन भिंडी का उत्पादन होता है। बिहार, झारखंड, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, असम, आदि राज्यों में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। इसकी बुवाई के लिए फरवरी-मार्च का महीना सबसे उपयुक्त है। अगर इस मौसम आप भी करना चाहते हैं भिंडी की खेती तो इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। इस पोस्ट में बताई गई विधि से भिंडी की बुवाई करने पर आप निश्चित ही अधिक पैदावार प्राप्त कर सकेंगे।
बीज की मात्रा
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सिंचित अवस्था में भिंडी की खेती के लिए प्रति एकड़ भूमि में 1 से 1.2 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
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असिंचित अवस्था में प्रति एकड़ खेत में 2 से 2.8 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
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यदि आप संकर किस्मों की खेती कर रहे हैं तो प्रति एकड़ खेत में 2 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होगी।
खेत की तैयारी एवं बुवाई की विधि
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बुवाई से पहले खेत की मिट्टी को भुरभुरी एवं समतल बनाना जरूरी है।
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इसके लिए सबसे पहले 1 बार गहरी जुताई करें और कुछ दिनों तक खुला रहने दें। इससे खेत में पहले से मौजूद खरपतवार नष्ट हो जाएंगे।
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अब खेत में 2 से 3 बार हल्की जुताई करें।
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अच्छी उपज के लिए प्रति एकड़ खेत में 6 से 8 टन गोबर की खाद मिलाएं।
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इसके साथ ही प्रति एकड़ खेत में 32 किलोग्राम नाइट्रोजन, 24 किलोग्राम फास्फोरस एवं 24 किलोग्राम पोटाश की आवश्यकता होती है।
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खेत तैयार करते समय नाइट्रोजन की आधी मात्रा के साथ फास्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा मिलाएं।
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नाइट्रोजन की आधी मात्रा को दो भागों में बांट कर खड़ी फसल में छिड़काव करें।
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जुताई के बाद खेत में क्यारियां तैयार करें।
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सभी क्यारियों के बीच 40 से 45 सेंटीमीटर की दूरी रखें।
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बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 3 ग्राम मैंकोज़ेब से उपचारित करें।
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इसके अलावा प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम कार्बेन्डाज़िम से उपचारित कर सकते हैं।
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उपचारित बीज की क्यारियों में रोपाई करें।
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बीज की बुवाई 15 से 20 सेंटीमीटर की दूरी पर करें।
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बुवाई करते समय बीज की गहराई 2-3 सेंटीमीटर से अधिक न रखें।
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भिंडी की अच्छी पैदावार के लिए आवश्यक कार्यों की जानकारी यहां से प्राप्त करें।
हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी इस विधि से भिंडी की बुवाई कर के अधिक पैदावार प्राप्त कर सकें। भिंडी की खेती से जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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