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जनवरी महीने में लीची के बागों में करें यह कार्य
जनवरी महीने में लीची के बागों में करें यह कार्य
जनवरी महीने में लीची के पौधों एवं वृक्षों में कई तरह के कीट आक्रमण करते हैं। जिनमे लीची माइट, लीची विभिल, लीफ माइनर, फल छेदक कीट आदि शामिल हैं। इन कीटों के कारण उपज एवं फलों की गुणवत्ता में भारी कमी आ सकती है। यदि आप लीची की खेती करते हैं तो यहां से जनवरी महीने में पौधों को विभिन्न कीटों से बचाने के तरीके यहां से देखें।
प्रकोप के लक्षण
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लीची विभिल : इस कीट को धूसर घुन के नाम से भी जाना जाता है। यह पत्तियों को खाने के साथ शाखाओं और फूलों पर भी आक्रमण करते हैं। कीट का लार्वा पेड़ के नीचे मिट्टी में रहते हैं।
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फल छेदक कीट : यह कीट पत्तियों की निचली सतह पर अंडे देती हैं। अंडों से निकलने के बाद लार्वा फलों में छेड़ करने लगते हैं। जिससे फलों का विकास नहीं होता है। इसके साथ ही प्रभावित फलों के डंठल के पास भी काले रंग के धब्बे उभरने लगते हैं।
नियंत्रण के तरीके
लीची विभिल
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धूसर घुन के लार्वा को नष्ट करने के लिए मिट्टी की जुताई करें।
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प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर लीथल सुपर 505 मिला कर छिड़काव करने से लीची विभिल पर नियंत्रण किया जा सकता है।
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लीची माइट, लीची विभिल (धूसर घुन), लीफ माइनर के प्रकोप के लक्षण नजर आ रहे है तो प्रभावित शाखाओं एवं टहनियों को काट कर नष्ट कर दें।
फल छेदक कीट
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फल छेदक कीट से पौधों को बचाने के लिए प्रति एकड़ खेत में 6 से 7 फेरोमोन ट्रैप लगाएं।
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इस कीट पर नियंत्रण के लिए 15 लीटर पानी में 5 मिलीलीटर देहात कटर मिला कर छिड़काव करें।
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लीची : अनियमित फलन के प्रबंधन की जानकारी यहां से प्राप्त करें।
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