केंचुआ खाद: निर्माण एवं उपयोग के समय ध्यान देने वाली बातें | Vermicompost: Essential Tips for Production and Usage

केंचुआ खाद यानी वर्मीकम्पोस्ट में फसलों के लिए लाभदायक कई पोषक तत्वों के साथ कुछ हार्मोंस और एंजाइम्स भी पाए जाते हैं। इसे गोबर, भूसा, सूखी घास, पुआल, सड़ी-गली सब्जियां, खरपतवार, पत्तियों एवं टहनियों, आदि से तैयार किया जाता है। सभी पदार्थों के गलने के बाद इसमें केंचुओं को डाला जाता है। कुछ ही दिनों में भूरे से हल्के काले और दानेदार खाद तैयार हो जाता है। इसके प्रयोग के कई फायदे हैं। केंचुआ खाद न केवल मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करती है, बल्कि फसलों की उपज भी बढ़ाती है। आइए इस पोस्ट में हम केंचुआ खाद के निर्माण की विधि, उसके उपयोग के लाभ और किन-किन फसलों में इसका उपयोग किया जा सकता है, इन सभी पहलुओं पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
फसलों में केंचुआ खाद इस्तेमाल करने के फायदे | Benefits of using Vermicompost
केंचुआ खाद का उपयोग जैविक खेती में एक वरदान के रूप में देखा जाता है। इसके उपयोग से कई फायदे मिलते हैं:
- मिट्टी की संरचना में सुधार: केंचुआ खाद मिट्टी की संरचना को बेहतर बनाने में सहायक है। इसके उपयोग से मिट्टी की जल धारण क्षमता भी बढ़ती है।
- रासायनिक खाद का विकल्प: यह रासायनिक खाद का बेहतर और सुरक्षित विकल्प है। केंचुआ खाद के उपयोग से फसलों में रासायनिक खाद की जरूरत नहीं पड़ती है।
- मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की वृद्धि: केंचुआ खाद मिट्टी में सूक्ष्म जीवों की संख्या बढ़ाने में सहायक है। सूक्ष्मजीव मिट्टी में पोषक तत्वों को घुलनशील बनाते हैं, जिससे पौधों को आसानी से पोषण मिल सके।
- आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति: चायपत्ती का उर्वरक नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम का एक समृद्ध स्रोत है, जो पौधे के विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्व हैं। इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम और सल्फर जैसे अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व भी होते हैं।
- उपज में वृद्धि: पोषक भरपूर होने के कारण केंचुआ खाद के उपयोग से फसलों की गुणवत्ता और उपज दोनों में वृद्धि होती है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार: यह पौधों में कई आवश्यक पोषक तत्वों को दूर करके पौधों को स्वस्थ बनता है। ये पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी सहायक है। जिससे फसलों में रोग एवं कीटों के प्रकोप की संभावना कम हो जाती है।
- पर्यावरण अनुकूल: केंचुआ खाद पूरी तरह जैविक होती है, जो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाती। इसके इस्तेमाल से भूमि प्रदूषण और जल प्रदूषण से बचाव होता है।
केंचुआ खाद में कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं? | Nutrients found in vermicompost
- नाइट्रोजन: नाइट्रोजन पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक होता है। यह पत्तियों की हरी भरी वृद्धि में सहायक होता है। इस खाद में 0.5% नाइट्रोजन की मात्रा होती है।
- फास्फोरस: फास्फोरस जड़ों को मजबूती देता है और फल-फूल बनने में मदद करता है। इसमें 0.1% फास्फोरस की मात्रा होती है।
- पोटेशियम: पोटेशियम पौधों के सम्पूर्ण स्वास्थ्य और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इस खाद में 0.15% पोटेशियम की मात्रा पाई जाती है।
- कैल्शियम: कैल्शियम मिट्टी की संरचना को ठीक करने में मदद करता है और पौधों की जड़ों को मजबूती प्रदान करता है। इसमें कैल्शियम की मात्रा 22.67 मिलीग्राम होती है।
- मैग्नीशियम: यह पत्तियों में क्लोरोफिल के निर्माण में सहायक होता है, जो पौधों की प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया के लिए आवश्यक है। इस खाद में मैग्नीशियम की मात्रा 22.67 मिलीग्राम होती है।
- सल्फर: सल्फर पौधों के प्रोटीन संश्लेषण के लिए महत्वपूर्ण होता है। वर्मीकम्पोस्ट में 128 मिलीग्राम सल्फर की मात्रा पाई जाती है।
- इसके अलावा, केंचुआ खाद में जिंक, आयरन, तांबा और मैंगनीज जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व भी होते हैं, जो पौधों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
केंचुआ खाद बनाने के लिए सामग्री | Ingredients to make vermicompost
- केंचुए
- गोबर
- जैविक कचरा (पत्तियां, सब्जियों एवं फलों के छिलके आदि)
- एक कंटेनर
- सूखा घास या भूसा
केंचुआ खाद बनाने की विधि | Process of making vermicompost
- सबसे पहले एक छांव वाले स्थान का चयन करें, जहां अधिक धूप और बारिश न हो।
- इसके बाद एक बड़े कंटेनर में सबसे नीचे एक परत सूखी घास या भूसा बिछाएं। इसके ऊपर गोबर या जैविक कचरा डालें। यह कचरा अच्छे से सड़ाया हुआ होना चाहिए ताकि केंचुए आसानी से इसे खा सकें।
- अब इस मिश्रण में केंचुए डालें। ये केंचुए धीरे-धीरे जैविक कचरे को खाकर उसे खाद में परिवर्तित कर देंगे।
- केंचुआ खाद तैयार किए जाने वाले कंटेनर में हमेशा नमी बनाए रखना आवश्यक है। इसके लिए समय-समय पर पानी का छिड़काव करें, लेकिन ध्यान रखें कि सामग्री बहुत ज्यादा गीला न हो जाए।
- लगभग 45-60 दिनों में केंचुए जैविक कचरे को पूरी तरह से खाद में परिवर्तित कर देते हैं। खाद तैयार हो जाने पर उसका रंग काले से भूरे में बदल जाता है और उसमें मिट्टी जैसी गंध आती है।
- खाद तैयार हो जाने पर केंचुओं को अलग करें और तैयार किए गए खाद का प्रयोग फसलों में करें।
केंचुआ खाद का किन फसलों में कर सकते हैं इस्तेमाल? | In which crops can vermicompost be used?
केंचुआ खाद का उपयोग विभिन्न प्रकार की फसलों में किया जा सकता है। जिनमें से कुछ प्रमुख फसलें नीचे दी गई हैं:
- फल वाली फसलें: आम, केला, अमरूद, संतरा, अंगूर, सेब आदि फलों में केंचुआ खाद का उपयोग किया जा सकता है।
- सब्जी वाली फसलें: टमाटर, बैंगन, मिर्च, गोभी, गाजर, मूली, पालक, प्याज, लहसुन आदि सब्जियों में केंचुआ खाद का प्रयोग अत्यधिक फायदेमंद होता है।
- अनाज वाली फसलें: गेहूं, चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा आदि फसलों में भी केंचुआ खाद का उपयोग किया जा सकता है।
- फूलों वाली फसलें: गुलाब, गेंदा, जरबेरा, चमेली, सूरजमुखी आदि फूलों की खेती में केंचुआ खाद का उपयोग किया जा सकता है।
- औषधीय फसलें: एलोवेरा, तुलसी, अश्वगंधा, स्टीविया जैसी औषधीय फसलों में भी केंचुआ खाद का प्रयोग लाभकारी होता है।
केंचुआ खाद के निर्माण एवं इस्तेमाल के समय रखें इन बातों का ध्यान | Things to keep in mind while making and using vermicompost
- तेज धूप से केंचुओं का बचाव करना चाहिए। सूर्य का प्रकाश सीधे नहीं पड़ना चाहिए।
- इस खाद का निर्माण किसी छांव वाले स्थान पर करें।
- खाद तैयार करने वाले टैंक का निचला हिस्सा सख्त होना चाहिए। जिससे केंचुए जमीन के अंदर न जा सकें।
- पदार्थों में करीब 40 से 50 प्रतिशत तक नमी होनी चाहिए।
- खाद बनाने वाले टैंक से कांच के टुकड़े, पत्थर, प्लास्टिक एवं अम्लीय पदार्थों को बाहर निकालें।
- केंचुओं को चींटी, कीड़े-मकोड़े, मुर्गियां एवं अन्य पक्षियों से बचा कर रखना चाहिए।
- केंचुआ खाद इस्तेमाल करने के बाद खेत में रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों का प्रयोग न करें।
क्या आपने कभी पौधों में कभी केंचुआ खाद का उपयोग किया है? अपने जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ शेयर भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसानों तक यह जानकारी पहुंच सके। इस तरह की अधिक जानकारियों के लिए ‘देसी जुगाड़’ चैनल को तुरंत फॉलो करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)
Q: केंचुआ खाद कितने दिन में तैयार होती है?
A: केंचुआ खाद को तैयार होने में करीब 45 से 60 दिनों का समय लगता है। कभी-कभी इसे तैयार होने में 60-90 दिनों का समय भी लग सकता है। खाद तैयार होने में लगने वाला समय विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है जैसे कि उपयोग किए जाने वाले केंचुओं का प्रकार, उपयोग किए जाने वाले जैविक कचरे की गुणवत्ता और तापमान और नमी जैसी पर्यावरणीय स्थिति।
Q: वर्मी कम्पोस्ट कैसे डालें?
A: वर्मीकम्पोस्ट को मिट्टी में मिलाकर या टॉप ड्रेसिंग के रूप में मिलाया जा सकता है। इसकी मात्रा क्षेत्रों, फसलों के प्रकार एवं अवस्था, मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा, आदि के अनुसार भिन्न हो सकती है।
Q: पौधों में वर्मीकम्पोस्ट कब डालें?
A: वर्मीकम्पोस्ट का इस्तेमाल खेत तैयार करते समय किया जाता है। इसके अलावा पौधों के विकास के दौरान भी इसका प्रयोग किया जा सकता है।
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