खीरा : भरपूर पैदावार के लिए करें इन किस्मों की खेती
खीरा में पानी की मात्रा अधिक होती है। इसलिए गर्मी के मौसम में इसकी मांग बढ़ने लगती है। इसका सबसे अधिक उपयोग सलाद के तौर पर किया जाता है। इसके अलावा इससे जूस, रायता, आदि भी तैयार किया जाता है। इसकी खेती जनवरी से जून महीने तक की जाती है। अगर इस मौसम आप भी करना चाहते हैं खीरा की खेती तो इसकी कुछ बेहतरीन किस्मों की जानकारी होना आवश्यक है। आइए खीरे की कुछ बेहतरीन किस्मों की विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
खीरा की कुछ बेहतरीन किस्में
-
पंत संकर खीरा 1 : यह संकर किस्मों में शामिल है। इस किस्म की खेती मैदानी क्षेत्रों के साथ पहाड़ी क्षेत्रों में भी सफलतापूर्वक की जा सकती है। फलों का आकार मध्यमयानी करीब 20 सेंटीमीटर लम्बा होता है। बीज की बुवाई के करीब 50 दिनों बाद फल तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं। प्रति एकड़ भूमि में खेती करने पर 120 से 140 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।
-
स्वर्ण अगेती : अगेती बुवाई के लिए यह उपयुक्त किस्म है। इस किस्म के फल मध्यम आकार के, हल्के हरे रंग के, सीधे एवं कुरकुरे होते हैं। बुवाई के 40 से 42 दिनों बाद फलों की तुड़ाई की जा सकती है। प्रत्येक पौधे से करीब 15 फल प्राप्त किए जा सकते हैं। प्रति एकड़ भूमि में खेती करने पर 80 से 100 क्विंटल तक खीरे की पैदावार होती है।
-
स्वर्ण पूर्णा : इस किस्म के फल ठोस एवं मध्यम आकार के होते हैं। यह किस्म चूर्णी फफूंदी रोग के प्रति सहनशील है। बुवाई के 55 से 60 दिनों बाद फलों की पहली तुड़ाई की जा सकती है। प्रति एकड़ भूमि में खेती करने पर 140 क्विंटल तक खीरा के फल प्राप्त होते हैं।
-
स्वर्ण शीतल : इस किस्म के फल ठोस एवं मध्यम आकार के होते हैं। यह किस्म श्याम वर्ण रोग एवं चूर्णी फफूंदी रोग के प्रति सहनशील है। प्रति एकड़ भूमि में खेती करने पर 120 क्विंटल तक पैदावार होती है।
यह भी पढ़ें :
-
खीरा की अच्छी फलन के लिए किए जाने वाले कार्यों की जानकारी यहां से प्राप्त करें।
हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको सी पोस्ट में दी है जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान मित्र इस जानकारी का लाभ उठाते हुए खीरा की इन किस्मों की खेती कर के बेहतर मुनाफा कमा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें। कृषि संबंधी अधिक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
जारी रखने के लिए कृपया लॉगिन करें

फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ
