खीरा : सुंडी कीट का हो रहा प्रकोप, जानें नियंत्रण के तरीके
खीरा जायद मौसम में खेती की जाने वाली मुख्य फसल है। इसका उत्पादन और गुणवत्ता इसकी देखभाल पर निर्भर करता है। अन्य सभी फसलों की तरह खीरे की फसल में भी कीट एवं रोग लगते रहते हैं। अगर समय रहते इन पर नियंत्रण नहीं किया जाए तो फसल को भारी नुकसान होता है। ऐसा ही एक कीट है सुंडी, जो हरे या पीले रंग का होता है। यह कीट खीरे की फसल में लगकर पत्तों एवं फलों को नष्ट कर देता है। अगर आप भी इस कीट से परेशान हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। इस आर्टिकल के माध्यम से किसान इसके लक्षण एवं नियंत्रण की जानकारी ले सकते हैं।
सुंडी कीट से होने वाले नुकसान
-
सुंडी रोग खीरे की पत्तियों को प्रभावित करता है।
-
यह कीट पत्ती को खा कर पूरी तरह से इसे नष्ट कर देता है।
-
इस कीट से प्रभावित पौधा अच्छे से विकास नहीं कर पाता है।
-
इस कीट से फसल बुरी तरह से प्रभावित होती है।
सुंडी कीट पर नियंत्रण के तरीके
-
सुंडी का प्रकोप होने पर मैलाथियान 50 ईसी या एंडोसल्फास 35 ईसी 1 से 2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में डालकर छिड़काव करें।
-
मैलाथियान उपलब्ध न होने की स्थिति में प्रति लीटर पानी में 0.5 ग्राम सिंजेंटा का प्रोक्लेम मिला कर छिड़काव कर सकते हैं।
-
इसके अलावा क्युनाल्फोस या क्लोरपाइरीफोस का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
-
खेत में खरपतवार न पनपने दें। खरपतवार की अधिकता से इस कीट के होने का खतरा बढ़ जाता है।
-
इस कीट पर नियंत्रण के लिए 3% नीम के तेल का छिड़काव करें।
-
पौधों में फलों के आने के बाद कीटनाशक प्रयोग करने से बचें।
-
अगर फल आने के बाद कीटनाशकों का प्रयोग कर रहे हैं तो छिड़काव के 5-6 दिन तक फलों की तुड़ाई न करें।
-
क्षतिग्रस्त फलों को तोड़कर नष्ट कर दें।
-
गर्मी में खेत की गहरी जुताई करें।
यह भी पढ़ें :
आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और खीरे की फसल को सुंडी कीट से बचाकर अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
Please login to continue

Get free advice from a crop doctor
