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कृषि ज्ञान
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खीरे के फलों के टेढ़े मेढ़े आकार का क्या है कारण?

फल मक्खियां सब्जी एवं फलीय फसलों पर लगने वाला कीट है। यह कीट ककड़ी समूह के पौधों (कुकरबिट्स) को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाता है, जिसमें ककड़ी, करेला, कद्दू आदि शामिल हैं। कीट फसल की फल विकास और फल पकने दोनों ही अवस्था में नुकसान पहुंचा सकता है। फल मक्खी पौधों पर मार्च महीने से दिखना प्रारंभ हो जाती है। मादा मक्खियां फलों के अंदर अंडे देती हैं, जिनसे असंख्य कीड़े (मेगेट्स) निकलते हैं। केवल 7 से 10 दिनों के बाद सभी कीड़े फल को पूरी तरह से खराब कर मिट्टी में गिरते हैं और प्यूपा की अवस्था प्राप्त कर लेते हैं। मक्खियों का यह जीवन चक्र फसल की आखिरी तुड़ाई तक चलता रहता है। इसके साथ ही सहायक फसलों एवं संक्रमित खेत के आस-पास के सभी खेतों को यह कीट बहुत ही कम समय में संक्रमित कर सकता है।

कीट के लक्षण

फलों की बाहरी सतह पर छोटे-छोटे छेद देखे जा सकते हैं, जिसमें फल मक्खी अंडे देती है। इसके साथ ही इन छेदों के बाहर भूरे रंग का स्राव होना भी फल मक्खी संक्रमण का ही लक्षण है। इसके अलावा फलों का टेढ़ा-मेढ़ा होना एवं, सामान्य से छोटे फल बनने जैसे लक्षण भी फसल में कीट की उपस्थिति को दिखाते हैं। फल मक्खी की सक्रियता फूल एवं फल बनने के समय पर भी फसल में बनी रहती है। इस अवस्था में नए फूलों एवं फलों के गिरने जैसे नुकसान फसल में देखने को मिलते हैं।

नियंत्रण के उपाय

  • सर्दियों में खेत की गहरी जुताई करें।

  • संक्रमित फलों को मिट्टी में गहरा गाड़ दें।

  • खेत में चिपचिपे फेरोमेन ट्रैप का प्रयोग करें।

  • मक्खियों के समूह दिखने पर फ्लूबेंडामाइड  8.33 % + डेल्टामेथ्रिन 5.56 % एससी का छिड़काव 1 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी की दर से करें।

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क्या आपकी खीरे की फसल भी फल मक्खी से संक्रमित रही है?जवाब आप कमेंट सेक्शन में लिखकर भेज सकते हैं। साथ ही हमें बताएं आपने कीट के नियंत्रण के लिए कौन-कौन से उपाय अपनाएं।

खीरे की फसल से जुड़ी अन्य प्रकार की जानकारी के लिए आप अपने सवाल हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं। साथ ही अपने क्षेत्र के अनुसार बेहतरीन फसलों में कीट/रोग निवारण की जानकारी के लिए अभी कॉल करें टोल फ्री नंबर 1800-1036-110 पर और पाएं अपनी सभी समस्याओं से छुटकारा।



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