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विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
2 year
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खुबानी : इस तरह करें खेती, होगी बेहतर पैदावार

खुबानी : इस तरह करें खेती, होगी बेहतर पैदावार

खुबानी को एप्रीकॉट के नाम से भी जाना जाता है। इसके फल पीले, सफेद, काले, गुलाबी एवं भूरे रबग के होते हैं। फलों के अंदर बादाम की तरह नजर आने वाला बीज होता है। इसके ताजे फलों के सेवन के साथ फलों को सूखा कर मेवे की तरह भी खाया जाता है। इसके अलावा इसके फलों से जूस, जैम, जेली, चटनी, आदि भी बनाई जाती है। बाजार में अधिक मूल्य पर बिक्री होने के कारण इसकी खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा होता है। आइए खुबानी की खेती पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

उपयुक्त मिट्टी एवं जलवायु

  • खुबानी की बेहतर पैदावार के लिए उचित जल निकासी वाली दोमट मिट्टी का चयन करें।

  • हल्की रेतीली एवं बलुई दोमट मिट्टी में भी इसकी खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है।

  • चिकनी मिट्टी में खुबानी की खेती करने से बचें।

  • इसकी खेती के लिए ठंडे एवं शुष्क जलवायु की आवश्यकता होती है।

  • आवश्यकता से अधिक ठंड या ओले गिरने से फसल के नष्ट होने का खतरा बना रहता है।

खेत तैयार करने की विधि

  • बेहतर पैदावार के लिए मिट्टी का भुरभुरा होना आवश्यक है।

  • खेत तैयार करते समय सबसे पहले एक बार गहरी जुताई करें।

  • इसके बाद रोटावेटर 2 से 3 बार जुताई कर के मिट्टी को भुरभुरा बनाएं।

  • जुताई के बाद खेत को समतल बनाने के लिए पाटा लगाएं।

  • इसके बाद नर्सरी में तैयार किए गए पौधों की रोपाई के लिए खेत में गड्ढे तैयार करें।

  • गड्ढों के कतार में तैयार करें। सभी कतारों के बीच 5 मीटर की दूरी होनी चाहिए।

  • सभी गड्ढों के बीच की दूरी भी 5 से 6  मीटर रखें।

  • इसके बाद करीब 12 से 15 किलोग्राम गोबर की खाद एवं 400 से 500 ग्राम एन.पी.के. खाद को मिट्टी में मिला कर गड्ढों में भरें।

  • इसके बाद सभी गड्ढों में कलम की रोपाई करें।

सिंचाई एवं खरपतवार नियंत्रण

  • पौधों को अधिक सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है।

  • ठंड के मौसम में 20 से 25 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें।

  • पाला पड़ने पर 8 से 10 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें।

  • गर्मी में मौसम में सप्ताह में 1 बार सिंचाई करनी चाहिए।

  • वर्षा होने पर पैधों को सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है।

  • छोटे पौधों को खरपतवारों से निजात दिलाने के लिए 7 से 8 बार निराई-गुड़ाई करें।

  • वृक्षों के विकसित होने के वर्ष में 3 से 4 बार निराई-गुड़ाई करें।

फलों की तुड़ाई एवं पैदावार

  • फलों के पूरा पकने से पहले इसकी तुड़ाई करें।

  • पौधों की रोपाई के करीब 5 वर्ष बाद आने शुरू हो जाते हैं।

  • प्रतीक वृक्ष से 35 से 40 वर्षों तक फल प्राप्त किया जा सकता है।

  • एक वृक्ष से 40 से 70 किलोग्राम तक फलों की पैदावार होती है।

हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसानों तक यह जानकारी पहुंच सके। इससे जुड़े सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें। पशुपालन एवं कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं ज्ञानवर्धक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।

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